कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने की बैठक, बैठक में नौजवानों के लिए स्वरोजगार और किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने को लेकर हुई चर्चा।
देहरादून : प्रदेश के कृषि व कृषक कल्याण मंत्री सुबोध उनियाल ने विधानसभा स्थित सभा कक्ष में औद्यौगिक हैम्प खेती से सम्बन्धित नियमावली के प्राख्यापन एवं मसरूम उत्पादन के सम्बन्ध में बैठक की।
कृषि व कृषक कल्याण मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि प्रदेश में औद्योगिक हैम्प खेती की पर्याप्त संभावनाएं हैं, जिससे नौजवानों के लिए स्वरोजगार के अवसर भी बढेगें तथा किसानों की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी। प्रदेश में किस तरह औद्योगिक हैम्प की संभावना है तथा उसको किस तरह से धरातल में लाया जाय। उन्होने कहा कि औद्योगिक हैम्प के प्रोसोसिंग से जुडे लोग भी लगातार संवाद कर रहे है तथा किसान भी औद्योगिक हैम्प की खेती के माध्यम से अपनी आर्थिकी मजबूत करना चाहता है। साथ ही इसके प्रोत्साहन से यहाँ उपलब्ध बंजर भूमि का सही उपयोग किया जा सकता है। आज औद्योगिक हैम्प की विश्वभर में भी माँग हो रही है, किन्तु इस सम्बन्ध में कोई नियमावली नही है, जिसको देखते हुए विभागीय सचिव एवं सम्बन्धित अधिकारियों के साथ उत्तराखण्ड स्वापक औषधि और मनः प्रभावी पदार्थ नियम, 2020 के स्वरूप/ड्राफ्ट पर विस्तार से चर्चा की गई। पेश्तर नियामवली को कैबिनेट के समक्ष लाया जायेगा, ताकि औद्योगिक हैम्प की सम्भावना को धरातल पर लाकर यह राज्य की आर्थिकी को मजबूत बनाने में सहायक सिद्ध होगी।
बैठक में कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य में मसरूम उत्पादन की पर्याप्त सम्भावनाए हैं। इसके माध्यम से युवाओं को अधिक से अधिक स्वरोजगार दिया जा सकता है। उनका कहना था कि लगभग ढाई लाख प्रवासी प्रदेश में लौटे है तथा राज्य में पलायन रोकने के लिए मसरूम उत्पादन सहायक सिद्ध होगा। उन्होने कहा कि मसरूम उत्पादन में अधिक से अधिक लोगों को जोड़ कर उनकी आर्थिकी को मजबूत किया जा सकता है।
कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि हार्टिकल्चर मिशन के माध्यम से बहुत कम युवाओं को लाभान्वित किया गया है, उन्होने कहा कि युवाओ को मसरूम की प्रोसोसिंग में लगा कर उनकों आर्थिक रूप से सृदढ़ किया जायेगा। कृषि मंत्री ने कहा कि शीध्र मुख्यमंत्री मसरूम विकास योजना के अन्तर्गत लगभग बीस हजार युवाओ को स्वरोजागार प्रदान किया जायेगा। इसके लिए उन्होने सम्बन्धित अधिकारियों को ठोस कार्य योजना प्रस्तुत करने के निर्देश दिये है। उन्होने कास्तकारों द्वारा स्पान की सीमा 25 किलो से बढा कर 50 किलो तथा मसरूम उत्पादको के लिए खाद की सीमा 25 किलो से बढा कर 50 किलो किये जाने को व्यवहारिक बताते हुए अधिकारियों से आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिये।
बैठक में कृषि सचिव हरबश सिह चुघ तथा संगंध पौध केन्द्र के डॉ. नृपेन्द्र चैहान नोडल अधिकारी हैम्प उपस्थित रहे।