गुरू का ज्ञान अज्ञानता को दूर कर परमात्मा की प्राप्ति करने का सेतु है।
1 min readमसूरी : आत्मा मानव शरीर में निवास करती है मगर मानव शरीर एक किराये का घर है। एक दिन आत्मा को इस किराये के घर को छोड़कर अपने असली घर में जाना पड़ता है और आत्मा का असली घर परमात्मा का मिलन है। मगर परमात्मा का मिलन सिर्फ सद्गुर ही करा सकते हैं। इसलिए सदगुर से जुड़ना बहुत जरुरी है। यह जीवन परमात्मा को पाने के लिए ही बना है।
यह उदगार यहाँ संत निरंकारी मिशन के ज़ोनल इंचार्ज हरभजन सिंह ने झड़ीपानी में आयोजित सत्संग को सम्बोधित करते हुए कहे। उन्होंने यह भी कहाकि निरंकारी मिशन के युगप्रवर्तक बाबा गुरबचन सिंह के बिलदान दिवस के अवसर पर 23 और 24 अप्रैल को मसूरी जोन में देहरादून और श्रीनगर में रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाएगा जहां सैकड़ों यूनिट रक्तदान किया जायेगा। उन्होंने कहा कि गुरू ज्ञान की वह ज्योति है जो अज्ञानता रूपी अंधकार को दूर कर परमात्मा की प्राप्ति करने में सेतु का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि हम भूल भुलेखों में उलझकर प्रभुभक्ति के बजाय स्वार्थ की पूर्ति में लगे रहते है। सामाजिक भाषा, वेशभूषा, जाति, ऊंच-नीच आदि मायामोह में फंसकर रह जाते है। इसीलिये हम परमात्मा की कृपा को पाने से वंचित रह जाते है। ऐसे में सत्संग वह गंगा है जो हमारे अवगुणो को धोकर हमें एक संत बनता है। पहली बार झड़ीपानी क्षेत्र में निरंकारी सत्संग का आयोजन किया गया। सत्संग में मसूरी और आसपास के सैकड़ों लोग शामिल हुए। निरंकारी संतों ने गीतों और प्रवचन के माध्यम से निरंकार ईश्वर का गुणगान किया। निरंकारी प्रचारक सविन्दर कौर, पालिका सभासद सरिता कोहली, संस्कृति कर्मी प्रदीप भंडारी, आदि ने गुरु भक्ति पर सत्संग में अपने विचार रखे।
इस अवसर पर पूर्व पालिका सभासद नरेंद्र कुमार, तनमित खालसा, विजेंद्र पंवार, अमर सिंह, वीरेन नेगी, सुमित कंसल सहित अनेक लोग शामिल रहे।