तियां के जयप्रकाश थपलियाल ने सरकार को दिखाया आईना बने आकर्षक दुग्ध उत्पादक।
अरविन्द थपलियाल
उत्तरकाशी : विकासखडं नौगांव के न्याय पंचायत तियां के जयप्रकाश थपलियाल ने वह कर दिखाया जो आज करोडो़ का ऋण लेकर लोग नहीं कर सकते यह जयप्रकाश की लग्न और मेहनत का प्रतिफल है जयप्रकाश थपलियाल की गौ शाला में आज जहां पहले एक गाय थी वहां आठ गाय बंधी है जयप्रकाश थपलियाल के पास आज वह गौ शाला है जो आज हरियाणा के करनाल गौ पालकों के पास है जहां गायों के लिये पंखे लगे हैं जयप्रकाश एक बेहद गरीब परिवार से आतें हैं साथ में एक बिमार बच्चा है लेकिन जयप्रकाश की मेहनत ने दम नहीं हारा और तियां थौलदार में एक आलिसान गौ शाला बना डाली हांलाकि यह गौ शाला आज प्रशासनिक अनदेखी की करनी भुगत रही हो लेकिन जयप्रकाश दावा करतें हैं कि जिला प्रशासन लोगों को प्रशिक्षण हरियाणा करनाल ना देकर वह तियां थौलदार में जयप्रकाश की गौ शाला में आये तो कुछ जनपद का भला होगा।
गौ पालक जयप्रकाश थपलियाल से जब हमने जाना कि आप को कहीं से कोई सरकारी मदद मिली तो जयप्रकाश न एनसीडीसी का नाम लिया जिसने उन्हे हिम्मत दी यह संस्था आंचल दुग्ध डेयरी की है और जयप्रकाश आज एक दिन 50से60लीटर दुध का उत्पादन करते हैं जो एक बड़ा आंकडा़ हैं अब तियां में तियां थौलदार के नाम से एक दुग्ध डेयरी संचालित हो रही जिसमें 150से200लीटर दुध रोजना एकत्रित होता है अब आसपास के दुग्ध उत्पादकों में भी हिम्मत जगने लगी है कि जब एक गाय वाला आज आठ गाय पाल सकता है तो हम क्यों नहीं लेकिन आज यदि कहीं कमी है तो सरकारी गाईड लाईन की सरकार अपनी योजनाओं को धरातल पर नहीं उतार कर कागजों तक ही रखती है और लोगों के सामने फर्जी आंकड़े पेस करती है जो एक तरफ से गलत होगा जी हां न्याय पंचायत तियां को यदि देखा जाये तो जनपद के आंकडे़ में अबल है पशुपालन में लेकिन कोई देखे तो क्षेत्र के गौ पालकों ने जिलाधिकारी से स्थलिय निरक्षण की बात कही है और एक हाईटेक गौ शाला निर्माण करने की मांग उठायी है जिससे लोगों को अन्य राज्यों में प्रशिक्षण के लिये भागदौड़ ना करनी पडे़ यह काम तियां क्षेत्र में ही संभव है जयप्रकाश ने बताया कि वह मजदुरी और छोटे छोटे काम करते थे अपनी दिनचर्या चलाने को लेकिन दुग्ध उत्पादन ने उनकी तस्वीर ही बदल दी आज वह 25से30हजार महिना कमा लेते हैं जिससे परिवार और बच्चों का घरेलु खर्चा सही से चल जाता है।
हम भी उम्मीद करते हैं कि जनपद में लोग जयप्रकाश थपलियाल से कुछ सीखें और जिला प्रशासन और सरकार अपनी योजनाएं कागजों पर नहीं धरातल पर उतारे।