May 9, 2024

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जाम लगने से पर्यटक परेशान, बैठकों के निर्णय कागजों तक सीमित।

मसूरी : पर्यटन नगरी मसूरी में सीजन के चढ़ने व वीक एंड होने पर बड़ी संख्या में पर्यटकों के आने से मसूरी देहरादून मार्ग सहित विभिन्न मार्गोे पर दिन भर जाम की स्थित बनी रही तथा पर्यटकों को घंटों जाम में फंसने को मजबूर होना पड़ा। मसूरी देहरादून मार्ग पर तो तीन से चार किमी तक लंबा जाम लगा।
पर्यटन नगरी में सीजन के दौरान पर्यटकों को लगातार जाम से जूझना पड़ रहा है। वीक एंड पर देहरादून मसूरी मार्ग पर लाइब्रेरी से लेकर किंक्रेग से आगे जेपी बैंड तक जाम लगने से पर्यटकों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। तथा घंटों जाम में फंसने को मजबूर होना पड़ा। इन दिनों देहरादून से मसूरी आने में करीब चार घंटे का समय लगता है जबकि अन्य दिनों में एक से डेढ़ घंटा लगता है लेकिन जाम के कारण यह समस्या लगातार आ रही है। इसके अलावा शहीद भगत सिंह चौक, मेैसानिक लॉज बस स्टैण्ड, लंढौर मार्ग, मोती लाल नेहरू मार्ग अकादमी कैम्पटी मार्ग पर भी दिनभर पर्यटक जाम से जूझते रहे। इसके साथ ही मालरोड पर भी लाइब्रेरी बैरियर व कुलडी बैरियर के साथ ही इंद्रमणि बड़ोनी चौक के आस पास भी दिन भर जाम की स्थिति बनी रही। जिससे पर्यटकों सहित स्थानीय नागरिकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। आश्चर्य की बात है कि सीजन से पहले व सीजन के दौरान कई बार एसडीएम सहित एसएसपी ने यातायात व्यवस्था सुचारू करने के लिए बैठकें की लेकिन उन बैठकों में लिए गये निर्णयों का कोई लाभ नहीं वह केवल बैठकों तक ही सीमित रहे। धरातल पर एक भी निर्णय नजर नहीं आ रहा। किंक्रेग में करोड़ों की लागत से बनी पार्किग शो पीस बन कर रह गई वहां पर कोई भी पर्यटक अपने वाहनों को खड़ा नहीं करने को तैयार है। वहीं गत वर्ष बैठक में यह भी निर्णय लिया गया था कि बाहर से आने वाली टेंपो ट्रेवलर्स को किंक्रेग पर ही खड़ा किया जायेगा व वहां से टैक्सी यूनियन शटल सर्विस के माध्यम से पर्यटकों को गंतव्य तक पहुंचायेगी लेकिन वह भी सफल नहीं हो पायी। हालात यह हैं कि सभी टेंपो ट्रेवलर्स कुलड़ी व किताब घर तक आ रहे हैं जिससे जाम लग रहा है। इससे साबित होता है कि प्रशासन व पुलिस की व्यवस्था पूरी तरह से फेल है न ही पुलिस इस ओर ध्यान नहीं दे रही। इसके साथ ही यह भी निर्णय लिया गया था कि लंढौर रोड सहित गांधी चौक व मालरोड पर टैक्सी स्टकूटियों को खड़ा नहीं होने दिया जायेगा इस पर पुलिस ने एक दो बार कार्रवाई भी की लेकिन उसके बाद फिर मामला जस का तस हो गया। आखिर पुलिस विभाग भीड़ बढ़ने व व्यवस्थाओं को लागू करने में सफल क्यों नहीं हो पा रहा है। यह यक्ष प्रश्न हर किसी में मन मस्तिष्क में चल रहा है। सबसे आश्चर्य जनक यह है कि इन विषयों पर कोई भी राजनैतिक दल या संगठन नहीं बोल रहा जिससे लगता है कि उनका भी व्यवस्था बनाने कोई रूचि नहीं है। अगर यही स्थिति बनी रही तो आने वाले पीक सीजन में स्थिति और भयावह हो जायेगी।