May 14, 2024

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कृषि मंत्री गणेश जोशी ने किया सेब दिवस का शुभारंभ।

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टिहरी : प्रदेश के कृषि मंत्री एवं सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी जनपद टिहरी गढ़वाल के नैनबाग क्षेत्र ऐंदी गांव पहुंचे। जहां कृषि मंत्री गणेश जोशी जी ने सेब दिवस पर कोका कोला एवं इंडो डच कंपनी द्वारा आयोजित किया गया कार्यक्रम में शिरकत की, कृषि मंत्री ने नारायण उद्यान ऐंदी में सेब दिवस का शुभारंभ। मंत्री जोशी का नैनबाग के ऐंदी गांव पहुंचने पर कृषकों एवं ग्रामीणों ने ढोल नगाड़ों के साथ भव्य स्वागत किया गया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आज किसानी को चाहिए कि नई टेक्नोलॉजी के साथ कृषि व वागवानी के क्षेत्र में हर किसान आगे बढे। जिसमें देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों को किसान सम्मन निधि हर किसान को लाभ मिल रहा है और हम पाँच साल में बागवानी के क्षेत्र उत्तराखण्ड हिमाचल तक पंहुच जायेगा। साथ ही कहा आने वाले समय में उत्तराखण्ड में हिमाचल के बजाय अब ट्रेनिग उत्तराखण्ड दी जायेगी।

इस अवसर पर मंत्री जोशी ने इस क्षेत्र को फल पट्टी की घोषणा की। तथा सभी किसानों के बागवानी तक सडक, पानी व बिजली पहुंचने को सचिव शैलेश बगोली को निर्देश दिए। साथ ही जंगली जानवरों से खेती की सुरक्षा में घेरवांड के लिए बजट में बढोतरी के निर्देश दिए। उन्होने कहा कि हमारे प्रदेश उन्नत किसानों में है जिसमें ट्रेनिग किसानो के हित के दिशा कार्य कर रहे है। कार्यक्रम के दौरान कृषि मंत्री गणेश जोशी ने सेब की फसल में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 20 सेब कास्तकारों को प्रशस्तिपत्र देखकर सम्मानित किया गया।

मंत्री जोशी ने कहा कि यह एक मिशन की शुरुआत के साथ भविष्य में विशाल रूप लेकर किसानों को अच्छा लाभ मिलेगा। इसके अलावा मंत्री गणेश जोशी ने 2.29( दो करोड़ उन्तीस लाख) की लागत से बने 500 किलोवाट सोलर प्लांट का भी उद्घाटन किया।

वहीँ ‘उन्नती एप्पल’ पहल पर प्रतिक्रिया देते हुए उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “उत्तराखण्ड में भारत सरकार के देश को आर्थिक रूप से स्वयंपूर्ण बनाने के अभियान ‘आत्मनिर्भर भारत’ पर बहुत बल दिया जा रहा है। कोका- कोला इंडिया और इंडो- डच हॉर्टीकल्चर टेक्नोलॉजीज के संयुक्त प्रयास के रूप में ‘एप्पल उन्नती’ इस राज्य को सेबों की उत्पादकता कई गुना बढ़ाने में सहायता कर रहा है। शाश्वत कृषि और किसानों के जीवन में सुधार के लिए इस बने मोडल और पहल से हमारे सुन्दर उत्तराखण्ड राज्य के कृषि समुदाय का सफलता से लाभ हो रहा है। इन दो संस्थाओं के प्रयासों की तथा इसे इतना सफल बनानेवाले किसानों की मै तारीफ करता हूँ।”

आपको बता दें कि प्रोजेक्ट एप्पल उन्नती का शुभारंभ 2018 में कोका- कोला इंडिया के मुख्य शाश्वत कृषि कार्यक्रम- फल आधारित सर्क्युलर अर्थव्यवस्था के तहत किया गया था। उसका उद्देश्य भारत में हमारे फल खेतों की प्रभाविता बढ़ा कर, खेतों से जुड़े लिंकेजेस में बढोतरी कर और देश में खाद्य प्रक्रिया क्षमता खड़ी कर भारत की कृषि व्यवस्था की सहायता करना तथा खेत की कम उत्पादकता, तकनिक का कम स्वीकार और फल उद्यम क्षेत्र में फलों की बर्बादी जैसी चुनौतियों के खिलाफ काम करना, यह है। कोका- कोला किसानों को अपने मुख्य घटकों के लिए सच्चे सप्लाईअर्स समझता है और उनके कल्याण पर बल देने के साथ उनके साथ की साझेदारी का महत्त्व समझता है। हमारे पार्टनर्स के साथ हम 2011 से फल उत्पादक किसानों के साथ हमारे उन्नती इस महत्त्वपूर्ण प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं। इसमें वर्तमान में 5 फलों का समावेश होता है- आम, सेब, अंगूर और लिचि तथा उसमें गन्ने जैसे प्राथमिकता होनेवाले साधनों का भी समावेश होता है। इस कार्यक्रम का लाभ अब तक 3.5 लाख से अधिक किसानों को हुआ है।

कोका-कोला इंडिया और साउथ वेस्ट एशिया की पब्लिक अफेअर्स, कम्युनिकेशन्स एवं सस्टेनिबिलिटी की वाईस प्रेसिडंट मिस. देवयानी राज्य लक्ष्मी राणा ने कहा, “किसान भारतीय फल उद्यम प्रणाली की बुनियाद हैं। उनकी उत्पादकता में वृद्धि हेतु उन्हे सहायता करने में और ‘प्रोजेक्ट एप्पल उन्नती’ के द्वारा उनकी आजीविकाओं में सुधार लाने में सहभाग लेते समय हम कृतज्ञ है। आज किसानों के सम्मान के इस समारोह में उत्तराखण्ड के माननीय मुख्य मंत्री, उत्तराखण्ड के कृषि मंत्री गणेश जोशी और कृषि सचिव शैलेश भगोली की उपस्थिति के लिए हम उनके आभारी हैं।

एप्पल उन्नती यह कोका- कोला इंडिया की फल आधारित सर्क्युलर अर्थव्यवस्था की पहल का हिस्सा है और भारत के 12 राज्य और 6 फल वरायटीज के साथ यह पहल चलायी जाती है।”

इंडो- डच हॉर्टीकल्चर टेक्नोलॉजीज के निदेशक सुधीर चढा ने कहा, “कोका- कोला इंडिया की साझेदारी में प्रोजेक्ट एप्पल उन्नती से उत्तराखण्ड राज्य के हजारो किसानों की क्षमताएँ बढ़ी हैं। वास्तव में कोका- कोला इंडिया ऐसे आज तक के पहले संस्थानों में से एक है जिसने शाश्वत कृषि के क्षेत्र में सकारात्मक पहल करने का प्रयास किया है। इस प्रोजेक्ट की सफलता वाकई युवाओं का हौसला बढ़ानेवाली है और हमने राज्य में मायग्रेशन को विपरित होते हुए देखा है। सेबों की खेती में यह क्रान्ति लाने हेतु और उनकी अविरत सहायता के लिए हम कोका- कोला इंडिया के आभारी हैं।”

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