गुरु नानक स्कूल में ओडिसी नृत्य ने किया छात्र छात्राओं को मंत्र मुग्ध।
1 min readमसूरी : गुरु नानक स्कूल के सभागार में विश्वविख्यात ओडिसी नृत्यांगना विदुषी कविता द्विवेदी ने अपने कार्यक्रम की प्रस्तुति दी। इससे पूर्व स्पीक मैके के अनेक कलाकार इस रंगमंच की शोभा बढ़ा चुके हैं।
कार्यक्रम का शुभारंभ परंपरा अनुसार शबद गायन से हुआ। कविता द्विवेदी का स्वागत दीप प्रज्वलित कर किया गया। स्पीक मैके एक ऐसी संस्था है जो भारतीय शास्त्रीय संगीत और सभ्यता को युवाओं के मध्य श्रेष्ठ स्थान दिलाने का प्रयास कर रही है। यह एक स्वयंसेवी संस्था है, जो संपूर्ण भारतीय विद्यालयों और कॉलेज के युवाओं को भारतीय संस्कृति के प्रति जागरूक करने के लिए समर्पित है। सर्वप्रथम ओडिसी नृत्यांगना कविता द्विवेदी ने नृत्य को पूजा बताते हुए उसके उद्धव एवं ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए भगवान शिव, श्री कृष्ण, भगवान जगन्नाथ की नृत्य में स्तुति कर समूचे सभागार को भावविभोर कर दिया। श्री कृष्ण के माखन चोरी प्रकरण व अन्य बाल सुलभ चेष्टाओ का वर्णन विविध मुद्राओं के द्वारा किया। लगभग 2 घंटे की अविराम भावपूर्ण प्रस्तुति ने विद्यालय के शिक्षकों एवं छात्र -छात्राओं को विस्मित कर दिया। सभी मंत्र -मुग्ध होकर उस असीम आनंद का अनुभव कर रहे थे। बिना भाषा के कितना बोला जा सकता है, मौन की भाषा कितनी अर्थ पूर्ण होती है। ऐसी ढेर सारी बातें सभागार में सभी के मन में उठ रही थी। आज का युवा अपनी विरासत से दूर जा रहा है । उन्होंने युवाओं को अपनी जड़ों से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया। ओडीसी के माध्यम से भारतीय संस्कृति व भारतीय दर्शन की झलक प्रस्तुत की गई। आपने भारतीय संस्कृति की धरोहर ओडिसी नृत्य का जो बीजारोपण विद्यार्थियों में किया, निश्चित ही विद्यार्थी उसके संरक्षक बनेंगे।
विद्यालय के प्रधानाचार्य अनिल तिवारी ने कविता द्विवेदी जी की गायन कला और नृत्य कला की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके नृत्य कला की प्रस्तुति इतनी अच्छी थी कि शब्दों की गुंजाइश ही खत्म हो गई। ऐसा लग रहा था कि इसका अंत ही न हो। प्रधानाचार्य अनिल तिवारी ने कविता द्विवेदी जी, अन्य कलाकारों व उपस्थित सभ्य समाज का आभार व्यक्त किया। कविता द्विवेदी जी को शॉल भेंट कर सम्मानित किया गया व अन्य कलाकारों मृदंग वादक प्रशांत कुमार मनराज, वायलिन वादक गोपीनाथ स्वान, गायक सुरेश कुमार सेठी को भी सम्मानित किया गया। साथ ही स्पीक मैके परिवार का धन्यवाद ज्ञापन किया गया। कार्यक्रम के अंत में कविता द्विवेदी ने विद्यार्थियों को विद्यालय को विद्या का मंदिर बताते हुए अपने अंदर अनुशासन, कर्तव्यनिष्ठा, समर्पण भाव व दृढ निश्चय इत्यादि गुणों को अपनाने के लिए प्रेरित किया। इस मौके पर प्रधानाचार्य अनिल तिवाड़ी सहित विद्यालय के छात्र व शिक्षक मौजूद रहे।