मसूरी – कांग्रेस अध्यक्ष पर विवाद के चलते पर्यवेक्षक ने कार्यकर्ताओं के साथ रायसुमारी की।

मसूरी : शहर कांग्रेस अध्यक्ष पद पर चल रहे विवाद को निपटाने के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करण माहरा के निर्देश पर कांग्रेस पर्यवेक्षक पंकज क्षेत्री ने मसूरी शहर कांग्रेस भवन में कांग्रेस कार्यकर्ताओं, बूथ अध्यक्षों, डेलिगेट व वरिष्ठ कांग्रेसजनों से बंद कमरे में वार्ता की। उन्होंने बताया कि इसकी रिपोर्ट प्रदेश अंध्यक्ष को साैंपी जायेगी जिसके बाद तय होगा कि शहर कांग्रेस अध्यक्ष पद पर नये कार्यकर्ता को जिम्मेदारी दी जाती है या पुराने का ही कार्यकाल आगे बढाया जायेगा।
प्रदेश नेतृत्व के निर्देश पर मसूरी पहंचे काग्रेस पर्यवेक्षक पंकज खत्री ने कांग्रेस भवन में कांग्रेस के बूथ अध्यक्षो, डेलिगेट व वरिष्ठ कांग्रेस जनों से बंद कमरे में वार्ता की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि यह परिवार का मामला है इसे शीघ्र सुलझा लिया जायेगा। क्यो कि मसूरी पूरे प्रदेश के लिए महत्वपूर्ण है व कांग्रेस मसूरी को बड़ी गंभीरता से लेती है, तथा शीघ्र आने वाले समय में कांग्रेस सशक्त विपक्ष की भूमिका पूरी ताकत के साथ निभायेगी क्यो कि जनता भी कांग्रेस की ओर देख रही है। उन्होंने कहा कि यहां पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं की नब्ज टटोली है और शीघ्र ही इस मामले को सुलझा लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि मतभेद हो सकते हैं लेकिन मनभेद नही है। ऐसे में शीघ्र ही अध्यक्ष पद पर निर्णय लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की कमजोरी का लाभ उठाकर लगातार कटाक्ष कर रही है जिसका जवाब दिया जायेगा। यहां आकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मिलना एक प्रक्रिया का हिस्सा है आगे वहीं होगा जो कार्यकर्ता चाहेगा अगर वह नया नेतृत्व चाहती है तो वैसा किया जायेगा अगर यह चाहेगी कि पहला अध्यक्ष ही आगे रहे तो उस पर निर्णय वरिष्ठ जनों से मिलकर किया जायेगा। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही यह रिपोर्ट प्रदेश अध्यक्ष को सौंपेंगे व उसके बाद निर्णय लिया जायेगा। इस मौके पर प्रदेश महासचिव गोदावरी थापली ने कहा कि मसूरी में शहर कांग्रेस अध्यक्ष पर प्रक्रिया के तहत ही कार्रवाई की गई है। इसमें किसी को विरोध नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पहले भी प्रक्रिया की गई लेकिन जो वर्तमान अध्यक्ष हैं उन्होंने दस दिन का समय मांगा व आज दुबारा प्रक्रिया की जा रही है। इसमें जो भी निर्णय होगा सभी को मान्य होगा। जहाँ तक सवाल है विरोध का तो इसमें कुछ वरिष्ठ जनों का भी विरोध रहा लेकिन बाद में पता चला कि उनकी शिकायत फर्जी थी। कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व के अनुसार ही यह प्रक्रिया की गई। जो आज विरोध कर रहे हैं उन्हें पहले से प्रक्रिया के तहत डेलिगेट, बूथ अध्यक्ष व सदस्यता बनानी चाहिए थी लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया। इस मौके पर छावनी के पूर्व उपाध्यक्ष महेश चंद, अमित गुप्ता, सुरेद्र रावत, सुशील कुमार, जसबीर कौर सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे।