तिब्बतन महिलाओं ने तिब्बत की आजादी के लिए प्रदर्शन किया।
मसूरी : तिब्बतन महिला कांग्रेस ने तिब्बत के निर्वासित होने के 62 साल पूरे होने पर प्रदर्शन किया व चीन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की व तिब्बत की आजादी की मांग की।
तिब्बतन महिला कांग्रेस ने हैप्पीवैली से मालरोड होते हुए गांधी चैक तक रैली निकाल प्रदर्शन किया। रैली के दौरान तिब्बती महिलाओं ने चीन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की व तिब्बत की आजादी की मांग विश्व समुदाय से की। इस मौके पर तिब्बतन महिला कांग्रेस की अध्यक्ष नमगिल डोलकर ने बताया कि आज के दिन तिब्बत में महिलाओं ने चीन सरकार के खिलाफ मानवाधिकार व आजादी की आवाज उठाई थी जिस पर चीनी सरकार ने महिलाओं के आंदोलन को कुचलने के लिए गोलियां चलाई जिसमें बड़ी संख्या में महिलाओं ने देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। उनकी याद में हर वर्ष यह रैली निकाली जाती है जिसमें चीन से तिब्बत को आजाद कराने के लिए संघर्ष किया जाता है। उन्होंने कहा कि हर वर्ष निकाले जाने वाली इस रैली में बड़ी संख्या में तिब्बतन महिलाएं प्रतिभाग लेती हैं लेकिन कोविड के कारण व भारत सरकार की कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए प्रदर्शन को सीमित किया गया है। वही तिब्बतन महिला कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष केलसंग डोलमा ने भी बताया कि तिब्बतन महिलाएं हर साल चाइना के खिलाफ रैली निकाल कर महिला शक्ति का प्रदर्शन करते हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें भारत आये 62 साल हो गये हम चाहते हैं कि अपने देश लौट जायें लेकिन चीन की गलत व विस्तारवादी नीति के कारण यह नहीं हो पााय है इसके लिए पूरे विश्व को यूएनओ में आवाज उठानी चाहिए। क्यो कि आज कोविड भी चीन की देन है जिसने पूरे विश्व को नुकसान पहुंचाया है। चीन पूरे विश्व में अपना दबदबा बनाने के लिए कोई न कोई ऐसा अघोषित युद्ध कर देता है जिसके खिलाफ पूरे विश्व को आवाज उठानी चाहिए। उन्होंने कहाकि हमारी लड़ाई चाइना से तिब्बत को आजाद कराने की है ताकि हम अपने देश लौट सकें। उन्होंने कहा कि सभी देशों को यूएनओ मे ंआवाज उठानी चाहिए। तिब्बतियों का विश्वास है कि हमें आजादी मिलेगी व चाइना की सीमा भारत के साथ नहीं है यह तिब्बत का बार्डर है इसे चाइना बार्डर नहीं कहना चहिए। उन्होंने कहा कि हमारे पीछे भारत सहित विश्व के अनेक देश है जो सहयोग कर रहे हैं। इस मौके पर बड़ी संख्या में तिब्बतन वेशभूषा में भारत व तिब्बत का झंडा लेकर महिलाएं मौजूद रही।