मंडी कास्तकारों से कर रही मुनाफाखोरी, टमाटर का नहीं मिल रहा सही दाम।
अरविन्द थपलियाल
उत्तरकाशी : देश और प्रदेश में जहां एक तरफ किसानों की आय दुगुनी की बात हो रही है और दूसरी ओर मंडी समितियां कास्तकारों को छलनी कर रही है, बतादें कि उत्तराखंड में आजकल टमाटर की फसल तैयार है और किसानों के टमाटर देहरादून विकासनगर की मंडी पंहुच रहे हैं जहां किसानों के टमाटर लूट के भाव बिक रहे हैं। टमाटर की एक क्रेट 25से30केजी की है जो आजकल 200रूपये में बिक रही है जोकि यह भाव अत्यधिक कम है, किसानों की मेहनत को छलने करने का काम उत्तराखंड की मंडीयां कर रही जो गलत है, मामले पर नौगांव निवासी नरेश नौटियाल ने बताया कि यमुना घाटी में टमाटर की खेती पर ही कास्तकार निर्भर हैं और मंडी में लूट मची हुई है जिसपर नौटियाल ने राज्य सरकार से मंडीयों पर हस्तक्षेप की मांग उठाई है। दूसरी ओर साधु राम डोभाल ने फेसबुक पर लिखा है कि किसानों पर दोसरी मार पड़ रही है और टमाटर लूट के भाव बिक रहे है।
कास्तकारों ने बताया कि टमाटर की एक क्रेट का भाव कमसेकम 1हजार रूपये होना चाहिए, जब भाव सही होगा तो मेहनताना उठ सकता है, यमुना घाटी में कमसेकम प्रत्येक साल 10से20हजार क्रेट टमाटर का उत्पादन होता है लेकिन उत्तराखंड की मंडीया मुनाफाखोरी कर कास्तकारों को छलने का काम कर रही है, राज्य की मंडीयों को कास्तकारों की फसलों के सही दाम की नीयति बनाने के लिए सरकार को आगे आना चाहिए जिससे लोगों का लगाव खेती करनी पर हो, प्रदेश आवश्यक चीजों की दरें जब बढ सकती हैं तो किसानों के फसलों की क्यों नहीं, प्रदेश सरकार को यदि पलायन रोकना है तो प्रदेश के कास्तकारों के हीत में उचित फैसले लेनें होंगें।