चिन्यालीसौड़ में छात्रों ने अंतराष्ट्रिय योग दिवस पर किया योग।
1 min readअरविन्द थपलियाल
उत्तरकाशी : कोविड 19 के प्रकोप के बीच रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाने के लिए कोविड अस्पतालों में भी जंहा एक और चिकित्सक एलोपैथिक दवाई के साथ साथ कोरोना मरीजो के योगा पर जोर दे रहे हैं, वंही योगा शिक्षिका शुसीला सेमवाल ने कोविड 19 के चलते पिपलमन्डी में बालिकाओं व महिलाओं को 30 मार्च 2019 से योगा सीखा रही है। इसके पीछे उनका मकसद है कि लोग मन के साथ तन से भी स्वस्थ रहें, और कोरोना से जंग जीत सकें।
राजकिय इण्टर कॉलेज खालसी की ब्यायाम शिक्षिका शुसीला सेमवाल ने दुश्वारियों के बावजूद साहस नहीं छोड़ा और वर्ष 2018 में योगा का प्रशिक्षण लेने के बाद खुद लोगो को योगा कराने लगी। उन्होंने योगा से शरीर में पनप रहे कई गंभीर रोगों को भी पराजित किया है और आज उनकी पहचान चिन्यालीसौड़ में बेहतर योगा शिक्षिका के रूप में बनी है।
शुसीला सेमवाल कुशल गृहिणी रहते हुए राजिकय इण्टर कॉलेज खालसी में 20 मई 2016 में बतौर ब्यायाम शिक्षिका कार्य शुरू किया। वर्ष 2018 में वे थायराइड की समस्या से घिर गईं। इस दौरान एंजाइटिस व मोटापा भी हावी हो गया। पतंजलि की तरफ से वर्ष 2018 में योगा कक्षा प्रारंभ हुई तो शुसीला ने प्रशिक्षण लिया। नियमित योगा कर वे स्वयं तीन माह में ही थायराइड को मात देने में कामयाब रहीं। प्रतिदिन एक घंटे योग व प्राणायाम से उनका वजन भी घट गया। उन्होंने अपना ही नहीं, परिवार,रिस्तेदार व स्टाफ में कई लोगो को योग कराकर उन्हें भी कई बीमारियों से दूर रखा। वर्ष 2019 में जब कोविड के चलते सभी स्कूल लोकडॉन के चलते बन्द हो गए थे, तब इस शिक्षिका ने बालिकाओं व महिलाओं के लिए पिपलमन्डी में निःशुल्क योगा कक्षाएं शुरू की।
उनकी लगन का ही परिणाम रहा कि चिन्यालीसौड़ नगर पॉलिक की 200 सौ महिलाएं उनके योग क्लास से जुड़ चुकी हैं, और उनके शरीर में काफी बदलाव आया है।
कोरोना की तीसरी लहर की आहट के बीच अच्छी खबर यह है कि ब्यायाम शिक्षिका शुसीला सेमवाल स्कूल खुलने पर स्कूल में योग से निरोग कक्षा चलायेंगी। इस क्लास में ब्यायाम,योगा के अलावा छात्रों को कोरोना वायरस को लेकर तमाम जानकारियां दी जाएंगी। इसके साथ साथ बच्चों को हाथ न मिलाने, एक-दूसरे से गले न लगने, अपना सामान व टिफिन और पानी साझा न करने के लिए कहा जाएगा।