31 मार्च के बाद उपनल पूर्व की भांति सिर्फ पूर्व सैनिकों एवं उनके परिजनों को करेगा सेवायोजित – सैनिक कल्याण मंत्री जोशी

देहरादून : सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने रविवार को देहरादून के गढ़ी कैंट स्थित दून सैनिक इंस्ट्यूट में पूर्व सैनिकों द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में प्रतिभाग कर पूर्व सैनिकों के बीच सेना के अपने अनुभव तथा राज्य के सैनिक कल्याण विभाग के मंत्री के तौर पर राज्य सरकार द्वारा की जा रही गतिविधियों तथा योजनाओं की जानकारी दी।
अपने संबोधन के दौरान सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि भारतीय सेना की रोटी एक ही दिन खाने से भी इंसान के जज्बात बदल जाते हैं, मैंने तो सेना में पूरे 7 साल तक फौजी बनकर राष्ट्रसेवा का सबक सीखा है। यही फौजी अनुशासन की ही देन है कि मैं आज भी जनता के बीच रहकर विभिन्न भूमिकाओं में जनता की सेवा कर पा रहा हॅू।
मंत्री ने कहा कि सरहदों पर विषम परिस्थितियों पर रह रहे जवानों और उनके परिजनों की देखभाल करना जहां सरकार की जिम्मेदारी है, वहीं पूर्व सैनिकों के हितों की रक्षा के लिए भी राज्य सरकार लगातार काम कर रही है।
आप सभी लोग जानते हैं कि भारतीय सेना के लगभग 17.5 प्रतिशत से ज्यादा फौजी उत्तराखंड से आते हैं। राज्य के युवाओं का सेना के प्रति एक विशेष लगाव है। परंतु सेना भर्ती में आमतौर पर ऊंचाई के मानक ज्यादा होने के कारण हमारे युवा सेना भर्ती से महरूम रह जाते थे। हमने विशेष प्रयास कर सेना में भर्ती के लिए ऊंचाई के मानकों को 167 सेंटीमीटर से घटाकर 163 सेंटीमीटर कराया। पूर्व सैनिकों को गृहकर में छूट तथा अन्य सुविधाएं नगर निगम क्षेत्र के अंदर तो दी जाती हैं परंतु कैंट क्षेत्रों में भी ऐसा हो इसके लिए राज्य सरकार द्वारा कार्य किया गया है। मुझे प्रसन्नता है कि बीते दिनों में उत्तराखंड राज्य के सैनिक कल्याण विभाग की सक्रियता तथा काम करने की चर्चा पूरे देश में हो रही है।
मुझे गर्व है कि मैं उस पार्टी का सिपाही हूं जिस पार्टी का प्रधानमंत्री दिवाली, होली जैसे त्योहारों को मनाने के लिए फौजियों के बीच दुर्गम सरहदों पर मौजूद रहता है। लंबे समय से लटकाई जा रही वन रैंक वन पेंशन की मांग को भाजपा सरकार द्वारा 20400 करोड़ से अधिक खर्च कर पूरा किया गया है।
शहीद सैनिकों के सर्वाेच्च बलिदान को पूरे समाज में गौरवपूर्ण स्थान दिलाने का काम भाजपा सरकार द्वारा किया गया है। देश की सीमा पर भारत माता की रक्षा करते हुए शहीद होने वाले परिवारों के परिजनों को नौकरियों में समायोजित करने का काम हमारी सरकार कर रही है। आने वाली पीढ़ियों के लिए भी अमर शहीदों के सर्वाेच्च बलिदान की भावना को संप्रेषित करने की परिकल्पना प्रधानमंत्री मोदी ने दी थी। इस परिकल्पना के अनुसार राज्य में पांचवें धाम सैन्यधाम के निर्माण का कार्य किया जा रहा है। सैन्यधाम के निर्माण में प्रयोग करने के लिए राज्य के 1734 शहीदों के आंगन पवित्र माटी को एकत्रित करने के लिए सहित सम्मान यात्रा पूरे राज्य में जारी है। शहीद सम्मान यात्रा का समापन 13 दिसंबर को एक भव्य कार्यक्रम के माध्यम से गुनियालगांव देहरादून में किया जाना है। मैं आप सभी को शहीद सम्मान यात्रा के समापन दिवस पर आमंत्रित भी करता हूं। उन्होंने पूर्व सैनिकों को आश्वस्त किया कि अब 31 मार्च के बाद उपनल पूर्व की भांति सिर्फ पूर्व सैनिकों एवं उनके परिजनों की सेवा के लिए उपलब्ध रहेगा।
कार्यक्रम में उपनल के एमडी सेनि0 ब्रिगेडियर पीपीएस पाहवा, बिग्रेडियर केजी बहल, बिग्रेडियर मुकुल भण्डारी, कैप्टन राजेश वाधवान, कैप्टन एनएन कुकरेती, कमाण्डर गौतम नेगी, कर्नल बीएम थापा, कर्नल एसएस थापा, कैप्टन डीपी बलूनी, कैप्टन धनीराम नैनवाल, कैप्टन केबी थापा आदि उपस्थित रहे।
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