मसूरी – पहाडों की रानी मसूरी में भी गर्मी ने तोड़ा रिकार्ड।
मसूरी : पहाड़ों की रानी मसूरी में इस बार गर्मी ने पिछले एक दशक से अधिक समय का रिकार्ड तोड़ दिया। लगातार पड़ रही गर्मी से स्थानीय नागरिकों सहित पर्यटक भी हैरान हैं। पूर्व में मसूरी में गर्मियों के दिनों में 25 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान नहीं होता था लेकिन इस बार तापमान 30 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है।
पहाड़ों की रानी मसूरी भी इस बार गर्मी की तपिश से तप रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि मसूरी में कई सालों बाद इतनी अधिक गर्मी पड़ रही है जबकि गर्मियों के दिनों में भी लोग हल्का स्वेटर पहनते थे व रात को रजाई लेकर सोते थे। पंखा लगाने की तो कोई सोच भी नहीं सकता। लेकिन इस बार मसूरी में घरों में पंखे तक लग गये हैं व रात को रजाई का प्रयोग नहीं किया जा रहा है। मैदानी क्षेत्र से आने वाले पर्यटकों को हालांकि यहां आने पर राहत मिल रही है लेकिन उनका भी मानना है कि मसूरी में इस बार अधिक गर्मी का एहसास हो रहा है। गर्मी अधिक होने से स्कूली बच्चे खासे परेशान हो रहे हैं, दिन के समय तो बाहर निकलना बहुत कठिन लग रहा है हालात मैदानी क्षेत्रों जैसे हो गये है कि दोपहर के समय बाजारों में भी सन्नाटा छा रहा है व अपराहन जब गर्मी का प्रकोप थोड़ा कम हो रहा है तभी पर्यटक व स्थानीय नागरिक घरों से बाहर निकल पा रहे है। स्थानीय नागरिक बिजेंद्र सिंह का कहना है कि मसूरी में इस बार गर्मी बहुत अधिक पड़ रही है पूर्व में जब भी थोड़ा अधिक गर्मी पड़ती थी तो बारिश हो जाया करती थी लेकिन इस बार तो बारिश भी नहीं हो रही। इसका कारण अधिक संख्या में वाहनों का होना, पेड़ो व पहाड़ों का कटान माना जा रहा है। वहीं उपेंद्र लेखवार का कहना है कि ग्लोबल वार्मिग का असर यहां भी पड़ रहा है। प्रकृति से अधिक छेड़छाड़ का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। उनका कहना है कि मसूरी में लगातार पेड़ों के काटे जाने व खनन किए जाने को वह मुख्य दोषी मानते हैं इसके लिए संबंधित विभाग भी जिम्मेदार है जो अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं कर रहे व मसूरी कंक्रीट के जंगल मे तब्दील होती जा रही है। इस संबंध में मौसम विभाग के निदेशक विक्रम सिह ने बताया कि बार पूरे देश में औसतन अधिक गर्मी पड़ रही है वहीं पहाड़ों पर भी 5 से 6 डिग्री तापमान बढा है। लेकिन अभी बारिश की कोई संभावना नही है अगर होगी तो 15 जून के बाद बारिश हो सकती है।