देहरादून में परिवार चिंतित, दिल्ली में बेटी कोरोना योद्धा बनकर कर रही काम।
1 min readदेहरादून : कोरोना वायरस के संक्रमण से भारत को बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर व नर्स भगवान बनकर मरीजों के उपचार और देखभाल में लगे हैं। देश भर के अस्पतालों में डॉक्टर्स और नर्से दिन रात काम कर रहे हैं। ऐसे ही उत्तराखंड की बेटी ज्योति नागपाल भी दिल्ली के जग प्रवेश अस्पताल में लोगों की सेवा में जुटी है। उधर दून में रह रहे ज्योति के परिजन दिल्ली में बढ़ते कोरोना के मामलों को देख कर चिंतित हैं। वह जब भी बेटी से फोन पर बात कर रहे हैं बस इतना कह रहे हैं कि ज्योति जल्दी घर आ जाओ।
मूल रूप से चकराता निवासी 29 वर्षीय ज्योति पिछले चार साल से स्वास्थ्य सेवाओं में हैं। ज्योति दिल्ली एक अस्पताल में जच्चा बच्चा विभाग में कार्यरत है और covid-19 संक्रमण के बढ़ते मरीजों के चलते उन्हें कई बार कोरोना से संक्रमित मरीज का भी उपचार या देखभाल करनी पड़ रही है।
ज्योति को 14 से 15 घंटे की ड्यूटी करने के बाद घरवालों से फोन पर बात करने का समय ही नहीं मिलता। ज्योति दिल्ली में अकेले ही रहती हैं। ऐसे में भोजन बनाने के लिए उन्हें समय नहीं मिलता जिसके चलते उन्हें अस्पातल की कैंटीन में ही भोजन करना पड रहा है और कई बार फल खा कर ही गुजारा करना पड़ रहा है। बावजूद इसके खुद को कोरोना के संक्रमण से बचाने के लिए हर संभव कार्य कर रही है। दिन में दो बार नहाना, समय-समय पर हाथ धोना और डॉक्टरों व नर्सों से उचित दूर बनाकर काम करना। इन सबके बीच जच्चा बच्चा को स्वस्थ्य रखना बहुत चुनौतीपूर्ण हो रहा है। उधर रेसकोर्स निवासी ज्योति के पिता चरणजीत सिंह नागपाल का बेटी से रोजाना फोन पर भी संपर्क नहीं हो पा रहा है। कोरोना के बढ़ते मामलों के साथ बेटी की भी चिंता बढ़ रही है। ज्योति के साथ की एक महिला डॉ. को भी कोरोना के लक्षण दिखे हैं। इससे चिंता दोगुनी हो गई। इसके लिए परिजन ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं कि जल्द देश से कोरोना वायरस खत्म हो जाए। परिजनों का कहना है की की हम जब भी बेटी को फोन कर रहे हैं तो बस यही कह रहे हैं कि जल्दी घर आ जाउंगी।