July 20, 2025

News India Group

Daily News Of India

उत्तराखंड में अगले 30 सालों के लिए बनेगी जलापूर्ति की कार्ययोजना, CM धामी ने दिए निर्देश

1 min read

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश की 30 वर्ष की आवश्यकता को ध्यान में रखकर जलापूर्ति की कार्ययोजना बनाई जाए। पेयजल, जल संचय और जल संरक्षण के लिए अलग-अलग ठोस प्लान बनाया जाना चाहिए। उन्होंने राज्य के अंतिम छोर तक गंगा का जल पूर्ण रूप से पीने लायक बनाने के लिए कार्य करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री धामी ने गुरुवार को सचिवालय में पेयजल और जलागम विभागों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि गर्मियों में पेयजल समस्या नहीं होनी चाहिए। जल जीवन मिशन योजना में लगे कनेक्शन से नियमित जलापूर्ति की जाए। पुराने जल स्रोतों के पुनर्जीवीकरण और नए जल स्रोतों के चिह्नीकरण के निर्देश उन्होंने दिए। उन्होंने कहा कि पानी के स्टोरेज टैंक और पेयजल टैंकर की नियमित सफाई की जाए। उन्होंने कहा कि राज्य में पेयजल की गुणवत्ता की समय-समय पर टेस्टिंग की जाए।

शिकायतों का विभागीय स्तर पर हो अनुश्रवण
उन्होंने कहा कि गुणवत्ता के सभी मानक सही पाए जाने पर प्राकृतिक जल स्रोतों से निकलने वाले पानी के अधिक उपयोग को लेकर स्थानीय निवासियों को जागरूक करना होगा। पेयजल की परेशानी न हो, इसके लिए टोल फ्री नंबर के साथ ही जिला स्तर पर कंट्रोल रूम बनाने के निर्देश उन्होंने दिए। जन शिकायतों का विभागीय स्तर पर नियमित अनुश्रवण भी किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने गंगा की सहायक नदियों पर एसटीपी के कार्य करने और गंगा की स्वच्छता के लिए जन सुझाव लेने के निर्देश भी दिए गए।

एक स्थान पर पांच वर्ष से जमे कार्मिकों की सूची तलब
मुख्यमंत्री ने कहा कि पांच वर्ष से एक ही स्थान पर तैनात कार्मिकों की सूची उपलब्ध कराई जाए। नई पेयजल लाइन बिछने पर सड़क की खुदाई की शिकायतों के समाधान के लिए संबंधित विभागों को समन्वय बनाकर कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड रजतोत्सव वर्ष में प्रवेश कर चुका है। युवा प्रदेश में नवाचारों और बेस्ट प्रैक्टिस पर विशेष ध्यान देना है। प्रयास ये होना चाहिए कि राज्य में कुछ ऐसी योजनाएं बनें जो अन्य राज्यों के लिए भी माडल बनें।

ग्रीन हाउस गैस का प्रभाव कम करने को होगा पौधारोपण
बैठक में बताया गया कि वर्षा आधारित नदियों के फ्लो और डिस्चार्ज के मापन की भी योजना है। इसमें आइआरआइ रुड़की और राष्ट्रीय हाइड्रोलाजिक संस्थान नदियों में किए जाने वाले कार्यों को चिह्नित करेगा। उत्तराखंड जलवायु अनुकूल बारानी कृषि परियोजना के अंतर्गत पर्वतीय कृषि को लाभदायक बनाया जाएगा।
ग्रीन हाउस गैस के प्रभाव को कम करने के लिए कृषकों की बंजर भूमि में पौधारोपण होगा। बैठक में अवस्थापना अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष विश्वास डाबर, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु व आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शैलेश बगोली समेत कई अधिकारी उपस्थित थे।

You may have missed