PM मोदी ने श्रीनगर में किया चुनावी सभा को संबोधित, कहा कुछ ऐसा।
1 min read
श्रीनगर गढ़वाल : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्रीनगर स्थित एनआईटी उत्तराखंड के मैदान में चुनावी सभा को संबोधित करने पहुंचे हैं। जहां गढ़वाली में सबसे पहले अपना संबोधन शुरू किया। जनसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ज्यों ही गढ़वाली भाषा में अभिवादन के साथ अपने भाषण की शुरुआत की, तो कार्यक्रम तालियों और नारेबाजी से गूंज उठा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि चुनाव मैदान में होने के बावजूद पूर्व में मैं देवभूमि आया। देवभूमि की माटी को माथे लगाने का मन था। बाबा केदार ने मुझे पुकारा और मैं यहां सीधे चला आया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्रीनगर स्थित एनआईटी उत्तराखंड के मैदान में चुनावी सभा को संबोधित करने पहुंचे हैं। यहां उन्होंने गढ़वाली में सबसे पहले अपना संबोधन शुरू किया। जनसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ज्यों ही गढ़वाली भाषा में अभिवादन के साथ अपने भाषण की शुरुआत की, तो कार्यक्रम तालियों और नारेबाजी से गूंज उठा। पीएम ने कहा कि चुनाव मैदान में होने के बावजूद पूर्व में मैं देवभूमि आया। देवभूमि की माटी को माथे लगाने का मन था। बाबा केदार ने मुझे पुकारा और मैं यहां सीधे चला आया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुरुवार को श्रीनगर (गढ़वाल) में जनसभा को गढ़वाली बोली में संबोधन की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि वर्चुअल रूप से संवाद में भी मेरा मन उत्तराखंड में रहता था। पिछले लोकसभा में खुद का चुनाव होने के बावजूद मुझे बाबा केदार ने बुलाया और मैं चला आया था।
प्रधानमंत्री ने आल वेदर रोड और ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन को उत्तराखंड के लिए बड़ी उपलब्धि बताया। प्रधानमंत्री ने कहा, प्रदेश के अलग अलग हिस्सों में हेली सर्विस शुरू की जा रही है। उत्तराखंड को केंद्र सरकार के बजट का बहुत बड़ा लाभ मिलेगा। उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों के लिए बजट में पर्वतमाला योजना की घोषणा। पहाड़ों में आवागमन के लिए रोपवे सुविधा का निर्माण होगा। प्रदेश के सीमांत इलाकों को कांग्रेस में जान बूझकर विकास से दूर रखा, उन इलाकों के लिए वाइब्रेंट योजना शुरू होगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, देवभूमि का विकास, आस्था, संस्कृति का संरक्षण भाजपा का संकल्प। केदार धाम में पुनर्निर्माण कार्य 2017 मे शुरू किए, ज्यादातर पूरे हो चुके। बदरीनाथ धाम के विकास के लिए भी कई सौ करोड़ की योजना।
पीएम मोदी ने कहा पांच साल में डबल इंजन सरकार ने इतना काम किया कि ब्रेक लगाने वालों को भी अब वही वादे करने पड़ रहे हैं।