मसूरी – राधाष्टमी एवं ऋषि दधीचि जन्मोत्सव के अवसर पर 14 निर्धन परिवारों को किया राशन वितरित।
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मसूरी : देवभूमि अवस्थित आर्यम इंटरनेशनल फ़ाउंडेशन के तत्त्वावधान में संचालित भगवान शंकर आश्रम द्वारा घोषित माँ अन्नपूर्णा भंडारा कार्ड योजना के अंतर्गत गुप्त नवरात्रि चतुर्थी के उपलक्ष्य में क्षेत्र के अतिनिर्धन और वंचित 14 परिवारों को मुफ़्त सितम्बर माह का मासिक घरेलू राशन वितरित किया गया।
अधिशासी प्रवक्ता माँ यामिनी श्री के अनुसार ट्रस्ट के अध्यक्ष और आश्रम के मुख्य अधिष्ठाता परमप्रज्ञ जगतगुरु प्रोफ़ेसर पुष्पेंद्र कुमार आर्यम जी महाराज के निर्णय के अनुसार आश्रम द्वारा समग्र मानवता के कल्याण हेतु यह अभियान गत वर्ष से संचालित है। आर्यम जी महाराज ने स्पष्ट किया कि भारतीय प्राचीन ऋषि मुनि परंपरा के महत्वपूर्ण ऋषियों में से एक रहे ऋषि दधीचि जिन्होंने विश्व कल्याण हेतु अपने प्राणों का उत्सर्ग किया। इसलिए इन महान आत्मत्याग करने वालों में महर्षि दधीचि का नाम बहुत आदर के साथ लिया जाता है। हर्षि दधीची के पिता महान ऋषि अथर्वा थे और इनकी माता का नाम शान्ति था। ऋषि दधीचि ने अपना संपूर्ण जीवन भगवान शिव की भक्ति में व्यतीत किया। उन्होंने कठोर तप द्वारा अपने शरीर को कठोर बना लिया था. अपनी कठोर तपस्या द्वारा तथा अटूट शिवभक्ति से ही यह सभी के लिए आदरणीय हुए। उन्होंने राधाष्टमी पर प्रकाश डालते हुए बताया कि भगवान श्री कृष्ण के जन्म दिन भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी से पन्द्रह दिन पश्चात् शुक्ल पक्ष की अष्टमी को दोपहर अभिजित मुहूर्त में राधा का जन्म हुआ था। मान्यता है कि राजा वृषभानु और उनकी धर्मपत्नी कीर्ति ने इस कन्या को गोद लेकर तथा अपनी पुत्री मानकर पालन-पोषण किया। ब्रह्मकल्प, वाराहकल्प और पाद्मकल्प इन तीनों कल्पों में राधा का, कृष्ण की परम् शक्ति के रूप में वर्णन किया गया है, जिन्हें भगवान् श्री कृष्ण ने अपने वामपार्श्व से प्रकट किया है. तभी वेद-पुराणादि इन्हें ’कृष्णवल्लभा’ ’कृष्णात्मा’ ’कृष्ण प्रिया’ आदि कहकर गुणगान करते हैं। मान्यता है कि जब विष्णु का कृष्ण अवतार में जन्म लेने का समय आया तो उन्होंने अपने अनन्य भक्तों को भी पृथ्वी पर चलने का संकेत किया. तभी विष्णु जी की पत्नी लक्ष्मी जी, राधा के रूप में पृथ्वी पर आईं थीं। आश्रम द्वारा संचालित मुफ़्त भंडारा कार्ड योजना के अंतर्गत सितम्बर माह का राशन 14 परिवारों को वितरित किया गया। इस सामग्री में सभी वस्तुओं की गुणवत्ता का भी ध्यान रखा गया है। इन वस्तुओं में 15 किलो गेहूँ का आटा, 10 किलो चावल, 5 किलो चीनी, दो किलो काला चना, दो लीटर सरसों का तेल, चायपत्ती, धनिया पावडर, लाल मिर्च, पिसी हल्दी प्रत्येक 250 ग्राम, एक किलो नमक प्रदान किया जाता है। अति निर्बल, बीमार और आने में असमर्थ परिवारों को राशन उनके घरों पर भी पहुँचाया जाता है। बच्चों द्वारा त्याग दिए गए वृद्ध व्यक्तियों ,निराश्रित विधवाओं, बेसहारों के अपंग, बीमार और अत्यंत निर्धन व्यक्तियों के लिए यह भंडारा कार्ड योजना आश्रम की तरफ़ से संचालित है जिसे शीघ्र ही अन्य अनेक स्थानों तक विस्तारित किया जाएगा। इस वितरण उत्सव में ज्ञानोदय वाटिका प्रमुख अविनाश सिंह अलग, आश्रम प्रबंधन समिति की ओर से माँ यामिनी श्री, अश्विनी कुमार, अजय त्यागी, कल्याणी श्री, उपासना श्री,राजेंद्र सिंह आदि का योगदान रहा।