शिफन कोर्ट के बेघरों को जनवरी अंत तक जमीन नहीं दी गई तो एक मार्च से होगा आंदोलन।
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मसूूरी : शिफनकोर्ट आवासहीन निर्बल मजदूर वर्ग एवं अनुसूचित जाति संघर्ष समिति, मसूरी ने शहीद स्थल पर सांकेतिक धरना दिया व प्रशासन व सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर सिफन कोर्ट के आवासहीन मजदूरों को आवास देने की मांग की। इस संबंध में एक ज्ञापन निदेशक शहरी विकास विभाग भेजकर एक माह के भीतर शिफनकोर्ट वासियों को पूर्व स्थल शिफनकोर्ट पर ही पुर्नवासित करने की मांग की है वहीं चेतावनी दी है कि यदि मांग पूरी नहीं की जाती है तो एक मार्च से व्यापक आन्दोलन छेड़ा जायेगा। इस मौके पर कहा गया कि सिफन कोर्ट की जगह कच्ची है जिसमें रोपवे नहीं बन सकता।
शहीद स्थल पर शिफनकोर्ट से बेघर किए गए लोगों ने सांकेतिक धरना दिया और नगर पालिका के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। साथ ही शफनकोर्ट आवासहीन निर्बल मजदूर वर्ग एवं अनुसूचित जाति संघर्ष समिति ने इस अवसर पर बताया कि शासन द्वारा गत 9 जनवरी को निदेशक शहरी विकास को पत्र भेजकर ट्राली प्रोजेक्ट के लिए शिफनकोर्ट से हटाए गए मजदूर परिवारों के लिए आवास या 50-50 गज भूमि के पट्टे देने की कार्यवाही पूरी करने को कहा है। जबकि निदेशक शहरी विकास को मामले का पूरा ज्ञान है तथा पूर्व में भी समिति की ओर से पत्र गए हैं मगर निदेशक शहरी विकास विभाग लगातार चुप बैठा हुआ है। इसलिए विभाग को जगाने के लिए यह बैठक की गई है तथा निदेशक शहरी विकास को उपजिलाधिकारी के माध्यम से ज्ञापन प्रेषित किया गया है। ज्ञापन में कहा गया है कि रोपवे प्रोजेक्ट निर्माण के नाम पर मसूरी शिफनकोर्ट में कई दशकों से निवास कर रहे गरीब एवं अनुसूचित जाति के मजदूर परिवारों को 2 वर्ष पूर्व गंभीर कोरोना काल में बहुत ही अमानवीय ढ़ंग से हटा दिया गया था और नगर पालिका द्वारा प्रस्ताव पास कर अन्यत्र आवास देने का वादा किया गया था। मगर अब 3 साल होने को हैं लेकिन शिफनकोर्ट पर रोपवे निर्माण का एक पत्थर तक नहीं लगा और नहीं वहॉ पर रोपवे बनने के आसार नज़र आ रहे हैं। अब जोशीमठ आपदा के बाद तो यह तय है कि कच्चे स्थान पर रोपवे नहीं बन सकता। मांग की गई है कि 24 अगस्त 2020 को शिफनकोर्ट से जिन लोगों को बेघर कर दिया गया, उन्हें पुनः शिफनकोर्ट स्थल पर ही पुर्नवासित कर दिया जाय या फिर प्रत्येक को 50- 50 गज भूमि के पट्टे आवंटित करने की प्रक्रिया की जाय। ऐसा न होने पर शिफनकोर्ट वासी व्यापक बेमियादी आन्दोलन छेड़ेगे जिसके तहत धरना, अनशन एवं प्रदर्शन किए जाएंगे।
इस मौके पर पालिका सभासद गीता कुमाई ने कहा कि पालिकाध्यक्ष जब शहर में दुकानें पार्किंग बना रहे हैं तो इनको आवास क्यों नहीं दे रहे। जबकि मैसानिक लॉज में कमरे बने हैं। जबकि पालिकाध्यक्ष ने पूर्व में कहा था कि मै चौकीदार बन कर सेवा करूंगा व वकील बनकर केस लडूंगा। उन्होंने कहा कि जोशीमठ की घटना के बाद लगता है कि रोपवे प्रोजेक्ट होल्ड पर जायेगा ऐसे में यह भूमि सिफन कोर्ट के मजदूरों को दे देनी चाहिए। वहीं व्यापार संघ अध्यक्ष रजत अग्रवाल ने कहा कि तीन साल बाद भी सिफन कोर्ट के बेघरों को आवास नहीं दिए गये। पालिका, मंत्री, मुख्यमंत्री, हंस फाउंडेश व सरकार ने कई वादे किए लेकिन उनका वादा अभी तक वादा है अगर शीध्र उनको आवास नहीं दिए गये तो एक मार्च से आंदोलन किया जायेगा। समिति के अध्यक्ष संजय टम्टा ने कहा कि गत तीन सालों से सिफन कोर्ट के मजदूर बेघर है सरकार की ओर से पचास गज जमीन देने की बात कही गई है लेकिन अगर शीघ्र नहीं मिला तो एक मार्च से आंदोलन किया जायेगा। समिति के संयोजक प्रदीप भंडारी ने कहा कि नगर विकास को ज्ञापन दिया गया है जिसमें मांग की है कि सिफन कोर्ट की जमीन उन्हें वापस दे दी जाय क्योंकि अब वहां पर रोपवे नहीं बन सकता वह जमीन कच्ची है, या तो उन्हें एक माह के भीतर जमीन वापस की जाय या प्रत्येक परिवार को पचास पचास गज जमीन नहीं दी गई तो एक मार्च से आंदोलन किया जायेगा।
बैठक में शामिल होने वालों में समिति के अध्यक्ष संजय टम्टा, महासचिव राजेन्द्र सेमवाल, राज्य आन्दोलनकारी प्रदीप भण्डारी, पालिका सभासद गीता कुमाईं, व्यापार संघ अध्यक्ष रजत अग्रवाल, पूर्व सभासद केदार चौहान, बिल्लू वाल्मीक, अनीता सक्सेना, विनोद लाल, रजनी देवी, सरस्वती, लक्ष्मी देवी, सुषमा देवी, दयाल सिंह, सम्पत्ति लाल समेत बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।