July 7, 2025

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जांच में फर्जी प्रमाण पाये जाने के बाद भी किया जा रहा बचाने का प्रयास – दीपक सक्सेना।

मसूरी : नगर पालिका के वरिष्ठ सहायक विनोद कुमार के शैक्षिक प्रमाण पत्रों की जांच के बाद फर्जी पाये जाने के बाद भी नगर विकास विभाग द्वारा प्राथमिकी अभी तक दर्ज न कराये जाने पर आरटीआई एक्टििविटिस दीपक सक्सेना ने सवाल खड़े किए है व आरोप लगाया है कि नगर पालिका उन्हें बचाने का प्रयास कर रही है।
पत्रकार वार्ता में आरटीआई एक्टिविटिस दीपक सक्सेना ने कहा कि वर्ष 2022 में उन्होंने विनोद कुमार के शैक्षिक प्रमाण पत्र होने की शिकायत की थी जिस पर लबे समय बाद प्रधान सहायक शहरी विकास निदेशालय व नगर पालिका मसूरी के अधिशासी अधिकारी राजवीर चौहान विनोद कुमार के शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच करने वाराणसी व बलिया गये जिसमें विनोद कुमार के सभी शैक्षणिक प्रमाण पत्र फर्जी पाये गये जिसकी आख्या शहरी विकास निदेशालय को सौपं दी गई। जिसकी एक प्रति हमें भी सौंपी गई। उन्होने कहा कि उन्होंने 4 अप्रैल 2022 को शिकायत की थी जब पालिका ने दबाव में आकर कुछ नहीं किया तो उन्होंने पुलिस में शिकायत की। वहां से भी जब कुछ नहीं हुआ तो सीजेएम की कोर्ट में मुकदमा कायम किया गया। अदालत की प्रक्रिया लंबी होने पर शहरी विकास विभाग से सूचना के अधिकार में सूचना मांगी जिस पर निदेशालय ने जांच कमेटी बनाई व उन्हें बनारस भेजा उन्होंने भी अपनी आख्या निदेशालय को सौंप दी। जिसके बाद निदेशक शहरी विकास नवनीत पांडे ने विनोद कुमार को 13 अपै्रल को कारण बताओ नोटिस दिया है जिसमें कहा गया है कि विनोद कुमार ने फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर सफाई नायक से लिपिक की पदोन्नति पायी है जो कि अपराधिक कृत्य है। व शासकीय धन का अतिरिक्त लाभ प्राप्त किया है। जिसके लिए उन्हें एक पक्ष का समय दिया गया है। लेकिन मेरा कहना है कि अभी तक निदेशालय ने उनके खिलाफ प्राथिमिकी दर्ज क्यों नहीं करवायी और जो सरकारी धन अतिरिक्त लिया है उसकी वसूली क्यों नहीं की जा रही है।