October 14, 2024

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DM ने दिए निर्देश- कोई भी बच्चा भिक्षावृत्ति मांगता, विभिन्न वस्तुओं को बेचता और किसी के यहां काम करता हुआ ना पाया जाए।

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देहरादून : ‘‘बच्चों से भिक्षावृत्ति करवाने, सड़क पर सामान विक्रय करने व किसी के द्वारा उनसे काम करवाने पर सख्ती से रोकथाम लगाएं।’’ यह निर्देश जिलाधिकारी डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव ने जिला कार्यालय स्थित ऋषिपर्णा सभागार में श्रम विभाग के समन्वय से आयोजित की गई जिला टास्कफोर्स समिति की बैठक में श्रम विभाग, पुलिस विभाग और समिति के सदस्यों को दिए।

जिलाधिकारी ने कुछ स्थानों पर बच्चों से करवाई जा रही  भिक्षावृत्ति, विभिन्न तरह के सामान का विक्रय करने और कुछ स्थानों पर काम करवाए जाने की सूचना पर चिन्ता व्यक्त करते हुए श्रम विभाग, पुलिस विभाग और बच्चों के कल्याण से जुड़े समाज कल्याण, शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग और इससे जुड़ी चाईल्ड हेल्पलाईन, जिला बाल कल्याण समिति, बचपन बचाओ आन्दोलन जैसे संगठनों को सख्ती से निर्देश दिए कि जनपद में कहीं पर भी कोई भी बच्चा भिक्षावृत्ति मांगता, विभिन्न वस्तुओं को बेचता और किसी के यहां काम करता हुआ ना पाया जाए। इसके लिए सभी विभाग और समिति से जुड़े सदस्य आपसी समन्वय से विभिन्न स्थानों पर समय-समय पर विशेष अभियान चलाकर ऐसे बच्चों को रेस्क्यू करें तथा रेस्क्यू किए गए बच्चों के अभिभावकों अथवा जिसकी निगरानी में ऐसा कर रहें हैं उन तक पंहुचें। यदि किसी बच्चे के अभिभावक मजबूरीवश ऐसा कर रहे हैं तो उनकी कांउसिलिंग करवाकर सेवायोजन विभाग के सहयोग से उनके अभिभावक /माता-पिता को स्किल्ड प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार से जोड़ें तथा जो लोग बच्चों की मजबूरी अथवा अन्य प्रलोभन के चलते भिक्षावृत्ति  करवा रहे हैं व बच्चों से सामान बेचने अथवा कोई ऐसा काम करवा रहे हैं जो बच्चों को नहीं करना चाहिए उन पर प्राथमिकी दर्ज करते हुए सख्त वैधानिक कार्यवाही करें, ताकि बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों को बड़ा सबक मिल सके। यदि रेस्क्यू किए गए बच्चों के सम्बन्ध में कोई नियोजक उनके 18 वर्ष होने का दावा करता है अथवा बच्चे का फर्जी आधार कार्ड अथवा परिचय पत्र बनवाकर उनसे काम लेता है तो वास्तविक नियमों के अधीन कार्यवाही करें।

जिलाधिकारी ने गोद में बच्चे को लेकर भिक्षावृत्ति करने वाली महिलाओं पर पैनी नजर रखते हुए ऐसी महिलाओं और बच्चे का डीएनए टेस्ट करवाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि रेस्क्यू किए गए ऐसे बच्चों जिनके कोई भी वैधानिक माता-पिता अथवा अभिभावक नहीं हैं तो उनको समाज कल्याण विभाग के समन्वय से बालगृहों में भिजवाएं जहां पर उनका मानकों के तहत् उचित पालन पोषण करवाएं साथ ही ऐसे बच्चों की स्कुलिंग, मनोरंजन और स्किल्ड पर भी ध्यान दें।

जिलाधिकारी ने टास्क्फोर्स समिति द्वारा रेस्क्यू अभियान के दौरान पुलिस  का सहयोग लेते हुए कार्यवाही करने को कहा साथ ही किसी गोपनीय सूचना अथवा स्वयं के औचक निरीक्षण पर बाल अत्याचार से सम्बन्धित बातों के संज्ञान में आने पर भी रेस्क्यू अभियान चलाने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने सहायक श्रम आयुक्त को बालश्रम को लेकर निश्चित अवधि में बैठक न कराने  तथा कार्यों में लापरवाही बरतने पर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।  संतोषजनक स्पष्टीकरण प्राप्त न होने की दशा में प्रतिकूल प्रविष्टि दर्ज की जाएगी। उन्होंने श्रम विभाग को निर्देशित किया कि टास्कफोर्स समिति से जुड़े विभिन्न विभागों व एजेसिंयों से बेहतर तालमेल बनाने और आपसी सूचनाओं के अद्यतन में अग्रिम भूमिका निभाते हुए बच्चों से सम्बन्धित अत्याचारों व अपराधों पर लगाम लगाएं।

इस दौरान बैठक में पुलिस अधीक्षक प्रकाश चन्द्र, सहायक श्रम आयुक्त एस.सी आर्य, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अनूप कुमार डिमरी, बेसिक जिला शिक्षाअधिकारी राजेन्द्र रावत, जिला समाज कल्याण अधिकारी हेमलता पाण्डेय, जिला प्रोबेशन अधिकारी मीना बिष्ट सहित सीडब्लूसी चाइल्ड हैल्पलाईन सहित समिति के सदस्य उपस्थित रहे।

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