December 22, 2024

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“किसान भागीदारी-प्रार्थमिकता हमारी” कार्यक्रम के दौरान ‘‘फसल बीमा पाठशाला’’ – कृषि मंत्री गणेश जोशी

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देहरादून : कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री, गणेश जोशी द्वारा विश्वकर्मा सभागार, सचिवालय, देहरादून में फ़सल बीमा योजना के तहत भारत सरकार के साथ वर्चुअल माध्यम से आयोजित “किसान भागीदारी-प्रार्थमिकता हमारी” कार्यक्रम में प्रतिभाग किया गया। इस दौरान ‘‘फसल बीमा पाठशाला’’ का भी आयोजन किया गया।
भारत सरकार द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव – भारत / 75 कार्यक्रम के तहत प्रगतिशील भारत के 75 साल और भारत के लोगों, संस्कृति और उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास को सेलिब्रेट करने के लिए कृषि विभाग द्वारा सीधे किसानों तक पहुंचने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था।
इस कार्यक्रम के तहत प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत फसल बीमा के अभियान को तेजी दी जा रही है। इसके तहत 25 अप्रैल से 1 मई तक बीमा कंपनियां चयनित ग्राम पंचायतों में फसल बीमा पाठशाला का आयोजन करेंगी। ताकि किसानों को भारत सरकार तथा राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाया जा सके।
कृषि मंत्री ने फसल बीमा पाठशाला के अवसर पर भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री एवं केन्द्रीय कृषि मंत्री को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि उनके कुशल निर्देश/नेतृत्व में भारतवर्ष के साथ-साथ उत्तराखण्ड राज्य में भी ‘‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’’ का क्रियान्वयन किया जा रहा है। उत्तराखण्ड में कृषि एवं औद्यानिक फसलों हेतु पुर्नगठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का भी हार्दिक धन्यवाद ज्ञापित किया गया, जिनके मार्ग निर्देशन में उत्तराखण्ड राज्य में कृषि तथा औद्यानिक फसलों हेतु पुर्नगठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी द्वारा बताया किया गया कि- उत्तराखण्ड राज्य में पुर्नगठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना के अन्तर्गत 13 औद्यानिक फसलों यथा :- सेब, आम, लीची, आडू, माल्टा, सन्तरा, मौसमी, आलू, टमाटर, मटर, फ्रैन्चबीन, मिर्च एवं अदरक का बीमा किया जाता है। योजनान्तर्गत निर्धारित प्रीमियम में से 5 प्रतिशत कृषक अंश एवं शेष प्रीमियम का 50 प्रतिशत केन्द्र सरकार तथा 50 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाता है।
इस योजना के क्रियान्वयन हेतु 02 बीमा कम्पनियों का चयन किया गया है। जिनके माध्यम से कृषकों की फसलों का बीमा मौसम रबी एवं खरीफ में कराया जाता है। इन बीमा कम्पनियों के माध्यम से राज्य में स्थापित 118 मौसम केन्द्रों से विभिन्न मौसमी कारकों जैसेः- तापमान का घटना/बढ़ना, कम/अधिक वर्षा, ऑधी/तूफान आदि तथा फसल हेतु ओलावृष्टि को सम्मिलित कर फसलों को होने वाले नुकसान का आंकलन कर बीमा कम्पनियों द्वारा कृषकों को क्षतिपूर्ति क्लेम का वितरण किया जाता है।
एग्रीकल्चर इन्श्योरेन्स कम्पनी लि0 द्वारा जनपद देहरादून, टिहरी व हरिद्वार में कृषकों की फसलों का बीमा किया जा रहा है। एस0बी0आई0 जनरल इन्श्योरेन्स कम्पनी लि0 द्वारा जनपद नैनीताल, उधमसिंहनगर, चम्पावत, बागेश्वर, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चमोली, रूद्रप्रयाग, पौड़ी एवं उत्तरकाशी में कार्य किया जा रहा है।
पुर्नगठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना के अन्तर्गत वर्ष 2016-17 से अब तक 3,61,075 कृषकों को रू0 380.29 करोड़ का क्लेम वितरित किया गया है। अभी मौसम रबी 2021-22 एवं मौसम खरीफ 2022 चल रहा है, जिसका रिस्क पीरियड़ दिनांक 31.08.2022 तक है, जिसके उपरान्त क्लेम का निर्धारत किया जायेगा।
राज्य के कृषकों/उद्यानपतियों की फसलों का अधिक से अधिक बीमा करने हेतु जनपद स्तरीय व विकासखण्ड स्तरीय अधिकारियों/कर्मचारियों के साथ-साथ अधिकृत बीमा कम्पनियों, कॉमन सर्विस सेन्टर के प्रतिनिधियों को व्यापक स्तर पर योजना का प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए।
अन्त में कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री द्वारा फसल बीमा पाठशाला में प्रतिभाग कर रहे समस्त बीमा कम्पनियों के प्रतिनिधियों/विभिन्न जनपदों से आए राज्य के प्रतिनिधिक प्रगतिशील कृषक बन्धुओं का भी धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर सचिव कृषि, शैलेश बगौली, निदेशक कृषि गौरिशंकर, निदेशक बागवानी हरिमिंदर सिंह बावेजा बीमा कम्पनियों के प्रतिनिधि एंव किसन भी उपस्थित रहे।

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