May 18, 2024

News India Group

Daily News Of India

मुख्यमंत्री धामी ने केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री परुषोत्तम से उत्तराखंड में पशुपालन और डेयरी से संबंधित विषयों पर की चर्चा।

1 min read

दिल्ली/उत्तराखंड : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री परुषोत्तम रूपाला से भेंट कर उत्तराखंड में पशुपालन और डेयरी से संबंधित विषयों पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से नेशनल लाईवस्टाॅक मिशन योजना के अन्तर्गत पशुधन बीमा की अवशेष धनराशि अवमुक्त करने और राज्य में संचालित सचल पशुचिकित्सा वाहन की सेवाएं शेष 35 विकासखण्डों में भी उपलब्ध कराए जाने का भी आग्रह किया।

मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड के विकास में सहयोग के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड राज्य में संचालित विभिन्न रोजगार योजनाओं में पशुपालन से सम्बन्धित योजनाओं का महत्वपूर्ण स्थान है। भारत सरकार द्वारा उत्तराखण्ड राज्य के सीमान्त पर्वतीय व मैदानी क्षेत्रों के पशुपालकों हेतु नेशनल लाईवस्टाॅक मिशन योजना के अन्तर्गत पशुधन बीमा का संचालन किया जा रहा है। योजना के अन्तर्गत स्वीकृत 40 करोड़ रूपए के सापेक्ष वित्तीय वर्ष 2022-23 में 14 करोड़ 26 लाख 25 हजार रूपए की धनराशि प्राप्त हुई थी जिसमें केन्द्रांश रू0 8 करोड़ 67 लाख 66 हजार रूपए और राज्यांश 5 करोड़ 58 लाख 59 हजार रूपए था। योजना के अन्तर्गत राज्य में पशुधन बीमा के लक्ष्य के सापेक्ष कुल 1,45,451 पशुओं में बीमा किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से स्वीकृत योजना के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिये स्वीकृत बजट की शेष धनराशि उपलब्ध करवाने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार द्वारा उत्तराखण्ड राज्य में पशुपालक के द्वार पर आधुनिक तकनीकी की चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 60 सचल पशुचिकित्सा वाहन संचालित किये जा रहे हैं। इनके माध्यम से 58392 पशुओं की चिकित्सा पशुपालको के द्वार की पर की गयी है। मुख्यमंत्री ने राज्य के शेष 35 विकासखण्डों में भी इसी प्रकार की सेवाओं के लिये 786.94 लाख रूपए धनराशि उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसमें 764.246 लाख रूपए का केन्द्रांश और 22.694 लाख रूपए का राज्यांश रहेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के भेड़ बकरियों के स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिये भारत सरकार के सहयोग से पीपीआर उन्मुलन योजना संचालित की जा रही है। वर्ष 2030 तक पीपीआर मुक्त करने के महत्वाकांक्षी टीकाकरण योजना के लिये उत्तराखण्ड में 14 लाख डोज टीकों की आवश्यकता है।

केंद्रीय मंत्री परुषोत्तम रूपाला ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को हर सम्भव सहयोग के प्रति आश्वस्त किया।