परोपकारीय कर्म ही यज्ञ कहलाता है – आचार्य डॉ. कपिल मलिक

मसूरी : आर्य समाज मसूरी का तीन दिवसीय वार्षिक उत्सव भजन, कीर्तन, भजनोपदेश, प्रवचन व गायत्री यज्ञ के साथ शुरू किया गया। इससे पूर्व द्रोणस्थली कन्या गुरुकुल देहरादून की आचार्या डॉ. अन्नपूर्णा पावन के सान्निध्य में बालिकाओं ने पवित्र वेदमंत्रों से देवयज्ञ किया।
आर्य समाज मंदिर सभागार में आयोजित वार्षिक उत्सव में मेरठ से आये कार्यक्रम के मुख्य वक्ता भारत भूषण सम्मानित आचार्य डॉ कपिल मलिक ने श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए यज्ञ का स्वरूप बताया। उन्होंने कहा मनुष्य के द्वारा जितने भी श्रेष्ठतम कर्म किये जाते हैं, वे सभी कर्म यज्ञ में परिगणित हो जाते हैं। मनुष्य के द्वारा किये जाने वाले वे सभी कर्म जिनसे मनुष्य स्वयं के ऊपर उपकार करता है, अपने परिवार, समाज और राष्ट्र के ऊपर तथा जिस वायुमंडल, पर्यावरण में रहता है। उस पर भी उपकार करता है, अपने आसपास जितना जीव जगत है उस पर भी उपकार करता है यही यज्ञ कहलाता है। इस अवसर पर विद्या प्राप्ति के साधन व प्रकार विषय पर कार्यशाला भी आयोजित की गयी। जिसमें विद्या प्राप्ति के चार प्रकार बताए गए, प्रथम आगम काल, द्वितीय स्वाध्याय काल, तृतीय प्रवचन काल और चतुर्थ व्यवहार काल। इन चारों प्रकारों से जो विद्या ग्रहण करता है वह मानव जीवन को सफल बना जाता है। आचार्या डॉ अन्नपूर्णा ने कहा कि श्रद्धा से युक्त मनुष्य ही ज्ञान प्राप्त कर सकता है। इस अवसर पर आर्य जगत के सुविख्यात भजनोपदेशक पंडित दिनेश पथिक ने सुंदर भजनों ईश महिमा प्रस्तुत की। यज्ञ के यजमान आशीष जी सपत्नीक मौजूद रहे। आर्य समाज के प्रधान नरेन्द्र साहनी ने सभी विद्वान अतिथियों, आगन्तुकों का हार्दिक स्वागत अभिनन्दन किया। कार्यक्रम का संचालन आर्य समाज मसूरी के मंत्री आशीष रस्तोगी ने किया।
इस अवसर पर अजय आर्य एडवोकेट, सतीश आर्य, वैदिकी आर्या, दीपांशी आर्या, प्रतिभा आर्या, प्रतिज्ञा आर्या, भारत भूषण आर्य, आदित्य आर्य, चन्द्रमा , विजय लक्ष्मी, काजल, बलबीर सिंह, महेश बिष्ट और सनातन धर्म इंटर कॉलेज, रमा देवी इंटर कॉलेज, मसूरी गर्ल्स इंटर कॉलेज, सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज के वरिष्ठ विद्यार्थी एवं आर्य समाज के समस्त पदाधिकारी उपस्थित रहे।