महाशिवरात्रि पर राजा रघुनाथ का मेला, श्रद्वालुओं में उत्साह।
अरविन्द थपलियाल
उत्तरकाशी : प्रखडं नौगांव का बनाल क्षेत्र पौराणिक मेलों को लेकर अपनी एक अलग पहचान रखता है। बनाल क्षेत्र में मांगसीर में राजकीय देवलगं गैर और शिवरात्रि का मेला पुजेले का प्रसिद्ध है। आपको बतादें कि गैर बनाल में राजा रघुनाथ के दो थोक साटी पंनसाई हैं और रघुनाथ के दो थान गैर और पुजेला हैं जहां महाराज छ:छ:माह रहतें हैं। जब रघुनाथ गैर थान में रहतें हैं तो राजकीय देवलंग होती है जो ऐतिहसिक होती है और जब पुजेली थान रहतें हैं तो महाशिवरात्री। यह महाशिवरात्री का मेला पर्व के एक दिन बाद होता है जो ठकराल बनाल दोनो पट्टीयों के लोग रघुनाथ के दर्शन करने आतें हैं यहि नहीं शिवरात्रि के इस मेले में दूर दराज के लोग भारी भरकम से आतें है और राजा रघुनाथ ने मन्नत मांगतें हैं।
शिवरात्रि पर मंदिर में रात्री जागरण होता है और लोग भोले के भजन में लीन होतें हैं। मान्यता है कि राजा रघुनाथ भगवान श्रीराम के अवतार हैं और यह सही भी माना जाता है महाराज रघुनाथ श्रीराम सीता लक्ष्मण की मुर्तियों का भव्य रूप हैं जो राजा रघुनाथ के नाम से प्रसिद्ध हैं। राजा रघुनाथ की पुजा पुजेली के सेमवाल और गैर के गैरोला ब्राह्मण करतें हैं और समुचे उत्तराखंड में राजा रघुनाथ की बड़ी मान्यता है। यहां जो भी कार्यक्रम होतें हैं वह पौराणिक रितिरिवाज से मनायें जातें हैं और बनाल के लोग बडी़ श्रद्धा से राजा रघुनाथ की आराधना करतें हैं। आज महाशिवरात्रि का यह उत्सव निर्भिग्न संपन्न हुआ।