मोदी सरकार के गलत आर्थिक निर्णयों से बैंकिग सेक्टर बुरी तरह प्रभावित- जोत सिंह बिष्ट।
मसूरी : प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट ने मसूरी में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि विगत 5 सालों से मोदी जी की सरकार के गलत आर्थिक फैसलों के कारण भारत का बैंकिंग सेक्टर बुरी तरह से प्रभावित हो गया है। बैंकों में हो रहे लगातार घोटालों की रफ्तार में बहुत तेजी आई है, जिसको रोकने के लिए सरकार ने एक बार भी प्रयास नहीं किया। मोदी और उनकी पार्टी के चहेते उद्योगपतियों को बैंकों से अरबों रुपए का कर्ज दिलाने के बाद अब उन उद्योगपतियों ने बैंकों का कर्ज लौटाने से हाथ खड़े कर दिए हैं, जिस कारण बैंकों का एनपीए यानी बट्टे खाते की रकम में भारी बढ़ोतरी हो गई है।
उन्होंने पत्रकारों को संबोंधित करते हुए कहा कि युद्ध और आर्थिक आपातकाल से निपटने के लिए सालों साल से रिजर्व बैंक के पास एक जमा पूंजी होती है। मोदी सरकार ने देश में इन दोनों स्थितियों के बिना ही रिजर्व बैंक के रिजर्व फंड से अपनी पहली पारी में दो बार में व दूसरी पारी में 176000 करोड रुपए निकाल लिए। रिजर्व बैंक के इस रिजर्व फंड से पैसा निकालने के कारण भारत की बैंकिंग व्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचा है। नोटबंदी के दौरान भारत के गरीब व मध्यम वर्ग के लोगों के जमा नगद राशि के अरबो रुपये को नीरव मोदी, ललित मोदी, मेहुल चैकसे औए विजय माल्या जैसे लोग भारत सरकार के संरक्षण में लेकर उड़ गए, इस प्रकार जनता का पैसा घोटालेबाज लोगों द्वारा उड़ाया जाता रहा,और सरकार दर्शक बनी रही, मोदी विदेशो की सैर करते रहे, लुटेरे बेखौफ लूट करते रहे और जनता पिसती रही। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा कई बैंकों का विलय करके उसमें काम करने वाले हजारों कर्मचारियों की छटनी करके उन्हें बेरोजगार कर दिया गया। बैंकिंग सेक्टर झंझावात से जूझता रहा, दरकता रहा और मोदी देश की अपनी चहेते उद्योगपतियों का कर्ज माफ करते रहे। यह अलग बात है कि मोदी सरकार ने देश के किसानों का कर्ज माफ नहीं किया, जो उद्योगपतियों की कर्ज की तुलना में बहुत कम था। इसलिए देश के किसान लगातार आत्महत्या करते रहे। उन्होंने कहा कि आंकड़े गवाह हैं कि पिछले साढे पाँच साल में बैंकों में घोटालों की रफ्तार बुलेट ट्रेन से भी ज्यादा तेज हो गई है। अगर पब्लिक सेक्टर के बैंकों पर नजर डालें तो पता चलता है कि भारत में मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद स्टेट बैंक, इलाहाबाद बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, केनरा बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, सेंट्रल बैंक, कारपोरेशन बैंक, सिंडिकेट बैंक, यूनियन बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, यूको बैंक जैसे पब्लिक सेक्टर के बैंकों में पिछले 5 साल में घोटालों की बाढ़ आई हुई है। मोदी के 5 साल के कार्यकाल में कुल 174753 करोड़ के घोटाले हुए, इससे चैकाने वाले है मोदी सरकार की दूसरी पारी की पहली तिमाही में हुए बैंक घोटाले के आंकड़े, यह जानकर आश्चर्य होगा कि मोदी की दूसरी पारी की पहली तिमाही के 90 दिनों में हर दिन 354 करोड़ के 27 घोटाले होते रहे, और इन 90 दिनों में बैंकों को 31898 करोड़ की चपत लगी। पांच साल तीन महीने के मोदी सरकार के कार्यकाल में 206241 करोड़ के बैंक घोटाले हुए, जो कि अपने आप में एक रिकॉर्ड है। मोदी ने लोगों को असल सवालों से भटका करके पाकिस्तान, पुलवामा, बालाकोट, चंद्रयान, हॉउड़ी मोदी जैसे मुद्दों में उलझा कर देश की आर्थिक हकीकत से लोगों को गुमराह करने का काम किया है। उन्हांेने कहा कि कांग्रेस पार्टी सोनिया गांधी के निर्देश पर पूरे देश में जन जागरण अभियान चलाकर देश की जनता को भारत सरकार की इन जनविरोधी कारनामों से अवगत कराने के साथ जनता को जागरूक करने का काम करेगी तथा सरकार को भी चेताने का काम करेगी ताकि देश इस आर्थिक संकट से बाहर निकल सके। इस मौके पर पूर्व विधायक व उत्तराखंड क्रिक्रेट एसोसिएशन के अध्यक्ष जोत सिंह गुनसोला, ने भी केंद्र सरकार व प्रदेश सरकार की जन विरोधी नीतियों की आलोचना की। पत्रकार वार्ता में शहर कांग्रेस अध्यक्ष गौरव अग्रवाल, पूर्व पालिकाध्क्ष मनमोहन सिंह मल्ल, पालिका सभासद नंद लाल, प्रताप पंवार, पूर्व सभासद विनोद सेमवाल, शिवानी भारती, राम प्रसाद कवि, भगवती प्रसाद कुकरेती आदि मौजूद रहे।