मसूरी – भाजपा नेत्री गीता कुमाई ने कहा अतिक्रमण में न हो पक्षपात, प्रशासन पालिका के दबाव में कर रहा है कार्य।

मसूरी : भाजपा नेत्री व पालिका सभासद गीता कुमाई ने हटाये गये अतिक्रमणकारियों के साथ नगर पालिका ईओ का घेराव किया व आरोप लगाये कि नगर पालिका के दबाव में प्रशासन अतिक्रमण हटाने का कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि नगर पालिका जो अतिक्रमण की सूची प्रशासन को भेजी जा रही है वह न्याय संगत नहीं है। इसमें जो बोल नहीं सकता निम्न व निम्न मध्यम वर्ग के लोग है उनके नाम उजागर किए जा रहे हैं बाकी को पालिका सरंक्षण दे रही है।
इससे पूर्व नगर पालिका ईओ यूडी तिवाड़ी से वार्ता की गई व अतिक्रमण संबंधित सवाल पूछे कि जिनकी रसीद कटी है उनकी दुकाने किस आधार पर तोड़ी गई जिसका कोई संतोष जनक उत्तर नहीं दिया गया। इस दौरान उनकी पालिका अधिकारियों के साथ तीखी नोकझोंक भी हुई। उन्होंने साफ किया कि वह अतिक्रमण अभियान के खिलाफ नहीं है, अतिक्रमण हटना चाहिए लेकिन उसमें पक्षपात नहीं होना चाहिए। व किए जा रहे पक्षपात की कड़ी निंदा है। उन्होने कहा कि जिनका पैसा जमा हैं पालिका के किरायेदार है उनकी दुकानों को नहीं तोड़ा जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि एक मामला कंपनी बाग का है जहां अतिक्रमण हटाया गया जबकि वहां पुश्ता लगना शुरू कर दिया है तो प्राइवेट आदमी उस स्थान पर पुश्ता कैसे लगा रहा है जबकि पुश्ता लगाने वाला कह रहा है कि यह उनकी निजी संपत्ति है। वहीं लाइब्रेरी बस स्टैण्ड पर एक ढाबा था जो गैराज में बना था उनके पास पूरी रसीदें हैं उसके बाद भी उनकी दुकान सील कर दी गई। जबकि पिक्चर पैलेस पर एक शराब की दुकान है जो किसी किरायेदार ने दूसरे को किराये पर दे रखी है उसे क्यों नहीं तोड़ा गया। उन्होंने आरोप लगाया कि अगर पालिका प्रशासन अतिक्रमण हटाने में समक्ष नही है और पालिका डीएम व एसडीएम पर अतिक्रमण हटाने का दबाव डाल रही है अगर प्रशासन ने ही कार्रवाई करनी है तो पालिकाध्यक्ष को स्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण हटाना पालिका का कार्य है प्रशासन को कोई अधिकार नही है वह तो केवल इसलिए सहयोग करता है कि अतिक्रमण हटाने वाली टीम के साथ कोई अभद्र व्यवहार न कर सके। पालिकाध्यक्ष ने कई लोगों को आश्वासन दिया है कि पालिका उनको दुकानें बना कर देगी।
अतिक्रमण हटाओ अभियान के संबंध में पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता ने कहा कि अतिक्रमण हटाओ अभियान प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रशासन पूरे मसूरी सहित पूरे प्रदेश में कर रहा है। उन्होंने कहा कि जब किसी चीज की अति हो जाती है, व शहर की सुंदरता नष्ट हो रही है तो प्रशासन कार्रवाई करने को मजबूर हो जाता है। उन्होंने कहा कि यह सही है कि मसूरी में बहुत अधिक मात्रा में अतिक्रमण हो गया है, सार्वजनिक स्थलों पर कब्जे हो रहे थे, जगह जगह खोखे व मैगी प्वांइट बना दिए गये हैं तब प्रशासन ने यह कदम उठाया पालिका तो इसमें एक माध्यम है। उन्होंने कहा कि जहां तक रसीदें काटने की बात है तो यह पूर्व अध्यक्षों ने जनता को बेवकूफ बनाने के लिए काटी है, अगर रसीद काटी है तो वह पालिका संपत्ति के मालिक नहीं बन गये यह रसीद तो सफाई का टैक्स लेने के लिए काटी गई है। अगर गलत रसीद काटी है तो वह दोषी है जिन्होंने रसीद काटी है। जिन्होंने यह किया है या जिन्होंने संरक्षण दिया है उनके खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए। जिनकी पुरानी लीज है वह सही है लेकिन जो अध्यासी की रसीद है वह मान्य नहीं है। अगर पालिका को दुकानें देनी है तो पालिका नियम से दुकानें बनाये व आवंटित करे। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण हटाने से दुःख होता है राजनैतिक लोगों के लिए यह कठिन समय होता है। क्योंकि इससे किसी का घर टूटता है किसी की रोजी रोटी समाप्त होती है। उन्होंने कहाकि किसी को भी अतिक्रमण के लिए शह नहीं देनी चाहिए, अतिक्रमण के लिए प्रेरित न करें क्योंकि इसका परिणाम गलत होता है। अगर किसी को दुकानें देनी हैं तो वेंडर जोन बनाये जाने चाहिए, तथा नियम के अनुसार देनी चाहिए।