November 19, 2025

News India Group

Daily News Of India

उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विभाग में नई नियुक्तियाँ, 142 उम्मीदवार सफल..

1 min read

चयन बोर्ड ने भर्ती प्रक्रिया पूरी कर चयनित अभ्यर्थियों का अंतिम परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया है। इसमें एनेस्थीसिया संकाय में 16 असिस्टेंट प्रोफेसर का चयन हुआ है। चिकित्सा शिक्षा विभाग को 142 स्थायी असिस्टेंट प्रोफेसर मिल गए हैं। उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड ने 142 असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया है। जल्द चयनित विशेषज्ञ डॉक्टरों को राजकीय मेडिकल कॉलेजों में संकायों में तैनाती दी जाएगी।

स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के निर्देश पर विभाग ने राजकीय मेडिकल कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर की स्थायी नियुक्ति के लिए चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड को 439 पदों प्रस्ताव भेजा गया था। चयन बोर्ड ने भर्ती प्रक्रिया पूरी कर चयनित अभ्यर्थियों का अंतिम परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया है। इसमें एनेस्थीसिया संकाय में 16 असिस्टेंट प्रोफेसर का चयन हुआ है।

उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसरों के घोषित परीक्षा परिणाम के बाद अब विभाग में बड़ी संख्या में स्थायी नियुक्तियों का मार्ग प्रशस्त हो गया है। विभिन्न संकायों में कुल 142 असिस्टेंट प्रोफेसरों का चयन किया गया है, जिनकी पहली तैनाती शीघ्र ही प्रदेशभर के राजकीय मेडिकल कॉलेजों में दी जाएगी।

चयनित अभ्यर्थियों में एनाटॉमी, पीडियाट्रिक्स और बॉयोकेमेस्ट्री में सात–सात, ब्लड बैंक, रेडियोथेरेपी व डर्मेटोलॉजी में तीन–तीन, कम्युनिटी मेडिसिन व पैथोलॉजी में 12–12, डेंटिस्ट्री में दो, इमरजेंसी मेडिसिन व फॉरेंसिक मेडिसिन में एक–एक, जनरल मेडिसिन, जनरल सर्जरी, रेस्पिरेट्री मेडिसिन और फार्माकोलॉजी में पांच–पांच, माइक्रोबायोलॉजी व आर्थोपेडिक्स में नौ–नौ, गायनी में आठ, ऑप्थैल्मोलॉजी में चार, तथा ओटो-राइनो-लेरिंगोलॉजी (ENT), साइकेट्री और फिजियोलॉजी में छह–छह असिस्टेंट प्रोफेसर शामिल हैं।

इधर हरिद्वार में ऋषिकुल ऑडिटोरियम में शपथ ग्रहण समारोह के दौरान बच्चों को एक्सपायरी डेट वाले चिप्स बांटे जाने का मामला भी सामने आया, जिसके बाद अभिभावकों ने नाराज़गी जताई है। संबंधित विभाग से जवाब तलब किए जाने की संभावना है।

चयनित सभी असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति से मेडिकल कॉलेजों में शिक्षण, प्रशिक्षण और शोध की गुणवत्ता में बड़ा सुधार होने की उम्मीद है। इससे न केवल मेडिकल छात्र–छात्राओं को बेहतर अकादमिक वातावरण मिलेगा, बल्कि संबद्ध अस्पतालों में आने वाले मरीजों को भी अधिक विशेषज्ञ चिकित्सकीय सेवाएँ उपलब्ध हो सकेंगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *