श्रीमद भागवत कथा एवं श्रीमद देवी भागवत कथा के दुसरे दिन उमडी़ श्रद्वालुओं की भीड़, जीवन में संस्कारों की बताई महता।

अरविन्द थपलियाल
उत्तरकाशी : प्रखडं नौगांव के दारसौं में श्रीमद भागवत कथा एवं श्रीमद देवी भागवत कथा का आयोजन हो रहा है, भागवत कथा के प्रथम दिवस पर भव्य कलश शोभा यात्रा निकाली गई जिसमें दो सौ से अधिक महिलाओं ने यात्रा में हिस्सा लिया,कलश यात्रा मुख्य व्यास वेद शास्त्रों के प्रकाडं विद्वान शिव प्रसाद नौटियाल और आनदं मोहन डोभाल के अगुवाई में शोभा यात्रा निकाली गई। श्रीमद भागवत कथा एवं श्रीमद देवी भागवत कथा भगवती उनियाल, वेद उनियाल, सुमन उनियाल , चमन उनियाल, चद्रमोहन, दीपक उनियाल परिवार तरफ से अपने पित्रों के उद्वार के लिए इस महापुराण का आयोजन भव्य और दिव्य तरिके से वेद पाठी और कर्मकांडी ब्रह्ममणों की उपस्थिति में हो रहा है।
श्रीमद भागवत कथा एवं श्रीमद देवी भागवत कथा का आज दूसरा दिन है और आज दुसरे दिन हमुना जंयती भी है, भागवत कथा एवं श्रीमद देवी भागवत व्यास पीठ शिव प्रसाद नौटियाल और आनदं मोहन डोभाल के मुखार से कथा का रसपान हो रहा है। कथा प्रवचन करते समय व्यास पीठ से शिव प्रसाद नौटियाल ने बताया कि मानव जीवन में संस्कारों को पहली प्राथमिकता होनी चाहिए वहिं व्यास नौटियाल ने शिव पार्वती के अमर कथा का दृष्टातं भी सुनाया। बतादें कि शिव प्रसाद नौटियाल आजतक के अपने जीवन में लगभग 4सौ के आसपास कथाओं का रसपान करावा चुकें हैं,शिव प्रसाद नौटिया ल कमल नयन संस्कृत विधालय पुरोला के प्रधानाचार्या हैं और वह अपने विधालय से सेकडो़ की संख्या में व्यास आचार्य और ब्रहामणों की उत्पत्ति कर चुके हैं। नौटियाल ने व्यास पीठ से बताया की जीवन तब सार्थक है जब हमारे जीवन में संस्कारों के लिये जगह है। व्यास नौटियाल ने युवा पीडी़ को बताया कि हमारी शिक्षा का मतलब तब सही है जब हम छोटे बडे़ के सम्मान करने की क्षमता रखतें हैं अन्यथा यह सारी शिक्षा बेकार है। भागवत कथा में व्यास पीठ ने बताया कि भागवत हमें नीति के मार्ग और कल्याण के मार्ग पर जाने की शिक्षा देता है। भागवत कथा में श्रदालुओं की भारी संख्या मौजूद रही और कथा का श्रवण किया।