July 5, 2025

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मसूरी – धोबीघाट के पानी के व्यावसायिक उपयोग पर एनजीटी का प्रतिबंध, अनुपालन में कोताही नहीं बरती जायेगी।

मसूरी : पहाड़ों की रानी मसूरी में धोबी घाट के पानी के व्यावसायिक उपयोग को बंद करने के नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल न्यायालय के निर्णय को अमली जामा पहनाने को लेकर एसडीएम शैलेंद्र नेगी ने मसूरी ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, जल संस्थान, जल निगम सहित सभी विभागों व प्रभावितों की बैठक कर स्पष्ठ निर्देश दिए कि न्यायालय के आदेश का कड़ाई से पालन किया जायेगा व उलंघन करने वालों पर न्यायालय के आदेशों का उलंघन करने की कार्रवाई अमल में लायी जायेगी। इसके लिए जल संस्थान व पुलिस को जरूरी निर्देश दिए गये है ताकि इसमें कोई कोताही नहीं बरती जायेगी व कड़ी निगरानी करे। वहीं अन्य स्रोतों से पानी की व्यवस्था सरकारी विभाग के माध्यम से कर सकते हैं।
नगर पालिका सभागार में आयोजित बैठक में एसडीएम शैलेंद्र नेगी ने कहा कि एनजीटी के आदेश का अनुपालन हर हाल में किया जायेगा। उन्होंने कहा कि इस समस्या से निपटने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करने चाहिए। वहीं कहा कि यमुना पेयजल योजना को शीघ्र पूरा करने का प्रयास किया जाना चाहिए ताकि इस समस्या से निजात मिल सके। उन्होंने कहाकि कार्तिक शर्मा बनाम उत्तराखंड स्टेट पर एनजीटी कोर्ट ने आदेश जारी किया है कि मसूरी झील का पानी व्यावसायिक उपयोग बंद किया जाय। इसके लिए जिलाधिकारी व पीसीबी को निर्देश दिए गये है कि निर्णय का अनुपालन करवाया जाय। जिस संबंध में यह बैठक बुलाई गई जिसमें सभी को बुलाया गया ताकि इसका सख्ती से अनुपालन किया जाय। इसके लिए जल संस्थान से कहा गया है कि अन्य स्रोतों से पानी उपलब्ध करवाया जाय वहीं होटल वाले अपने पानी के उपयोग को सही तरीके से कर सकें ताकि पानी वेस्टेज न हो व रेन वाटर हार्वेस्टिग का प्रबंध करें होटल वालों से कहा कि वह अपने वेस्ट पानी को रिसाइकिल करें ताकि उसका उपयोग हो सके व लीकेज का उपचार किया जाय ताकि पानी बचाया जा सके। वहीं पुलिस व जल संसथान को निर्देश दिए कि झील से कोई भी टैंकर पानी न भरे अगर ऐसा होता है तो कड़ी कार्रवाई की जायेगी। साथ ही पेयजल निगम को कहा गया है कि 30 मार्च तक योजना पूरी करें व दिनरात कार्य करें ताकि पानी की समस्या का समाधान हो सके। इस संबंध में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी डा. आरके चतुर्वेदी ने कहा कि एनजीटी में एक केस फाइल हुआ था जिसमें कहा गया था कि धोबीघाट से पानी का दुरूपयोग हो रहा है। जिस पर कोर्ट ने निर्णय दिया कि टैंकरों से पानी भरने को रोका जाय व पानी की शुद्धता बनायी जाय। इसके साथ ही जल संस्थान को अन्य स्रोतों से व्यवस्था करनी चाहिए ताकि पानी की कमी को पूरा किया जा सके। इस संबंध में व्यापार संघ अध्यक्ष रजत अग्रवाल ने कहा कि एनजीटी के आदेश का शहर के पर्यटन पर बुरा प्रभाव पडे़गा। मसूरी सहित कई शहरों में पानी की आपूर्ति टैंकरों से होती है अगर इसे बंद किया जायेगा तो इससे जहां पर्यटन प्रभावित होगा वहीं बेरोजगारी बढेगी। इस समस्या का समाधान करने के लिए यमुना योजना को शीघ्र पूरा करना होगा अगर यह समय से नहीं होगा उससे पर्यटन प्रभावित होगा जिसका पूरे देश में गलत संदेश जायेगा।

इस संबध में नगर पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता ने कहा कि मसूरी बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं ऐसे में एनजीटी का जो आदेश आया है इससे समस्या होगी। इस संबंध में नगर पालिका अधिवक्ताओं से राय लेगी ताकि पानी के उपयोग करने का समय मिले वहीं पालिका एनजीटी में इस मामले में रिव्यू डालेगी ताकि राहत मिल सके। उन्होंने कहा कि पूरी होटल इंडस्ट्री इससे जुड़ी है वहीं रोजगार भी जुड़ा है इसको ध्यान में रखते हुए अपील डाली जायेगी। उत्तराखंड होटल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संदीप साहनी ने कहा कि इस निर्णय से पर्यटन प्रभावित होगा इसमें समय दिया जाना चाहिए क्यों कि इतनी जल्दी कोई भी समाधान नहीं निकल सकता। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पर्यटन से ही 35 प्रतिशत जीडीपी आती है अगर ऐसे में होटल उद्योग प्रभावित होता है तो इसका असर पूरे प्रदेश पर पडे़गा। इस मौके पर जल संस्थान के एलसी रमोला ने बताया कि मसूरी में करीब 14 एमएलडी पानी की जरूरत है लेकिन वर्तमान में 7.50 एमएलडी पानी ही उपलब्ध है, ऐसे में पानी की कमी को पूरा करने के लिए यमुना योजना का शीघ्र शुरू किया जाना जरूरी है।

इस मौके पर जल निगम से एमएस मनराल, जलसंस्थान के अधिशासी अभियंता एलसी रमोला, टीएस रावत पुलिस विभाग से एसएसआई गुमान सिंह नेगी, वन विभाग से डिप्टी रेंजर जगजीवन लाल, पर्यटन विभाग से पर्यटन अधिकारी हीरालाल , नगर पालिका के अधिशसी अधिकारी राजेश नैथानी, नगर अभियंता वीपी बधानी, एमडीडीए के अवर अभियंता मनवीर सिंह पंवार, होटल एसोसिएशन से आशीष गोयल, व्यापार संघ से जगजीत कुकरेजा, के प्रतिनिधियों न प्रतिभाग किया।

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