विधायक जोशी ने सैनिक कल्याण विभाग के कर्मचारियों को विभागीय संविदा में किये जाने को लेकर सीएम को सौंपा पत्र।
1 min readदेहरादून : मसूरी विधायक गणेश जोशी ने देहरादून के न्यू कैंट रोड़ स्थित मुख्यमंत्री आवास में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से मुलाकात कर उन्हें सैनिक कल्याण विभाग में कार्यरत 204 पूर्व सैनिकों को विभागीय संविदा के आधार पर लिये जाने एवं उपनल के माध्यम से ओएनजीसी, आईआईपी और आईआरडीई जैसे पीएसयू में भारत सरकार के आदेशों के तहत सुरक्षा गार्ड के तौर पर मात्र पूर्व सैनिक को ही नियुक्ति प्रदान करने हेतु पत्र सौंपा।
विधायक जोशी द्वारा मुख्यमंत्री को सौंपे पत्र में अवगत कराया गया कि वीरभूमि उत्तराखण्ड में सैनिक कल्याण निदेशालय एवं 14 जिला सैनिक कल्याण कार्यालय स्थापित है। इन कार्यालयों में कुल सृजित 260 पदों के सापेक्ष 204 पदों पर पूर्व सैनिक सेवारत हैं। दिनाॅक 15 जुलाई 2009 के शासनादेश के अनुसार, कर्मचारियों को 17 अक्टूबर 2008 से विभागीय संविदा में परिवर्तित करते हुए केन्द्रीय सैनिक बोर्ड, नई दिल्ली के निर्देशानुसार इन कर्मचारियों को राज्य कर्मचारियों की भाॅति मान लिया जाना चाहिए था। उन्होनें अवगत कराया कि सभी कर्मचारियों को 01 जनवरी 2016 से अधिकारियों की भाॅति सातवां वेतनमान का लाभ एवं समस्त ऐरियर का भुगतान, वर्ष 2018-19 के तदर्थ बोनस का भुगतान, कर्मचारियों को 75 प्रतिशत केन्द्रीय लाभांश प्राप्त होने पर वेतन मद 01 से नियमित कर्मचारियों की भाॅति भुगतान को उपनल से हटाकर सीधा खातों में प्रेषित करने, 01 जनवरी 2016 के बाद सेवानिवृत कर्मचारियों को उनकी सेवा के अनुसार सर्विस ग्रेच्युटीं प्रदान किये जाने, 01 जनवरी 2016 के पश्चात् सेवानिवृत हुए कर्मचारियों को माह के अन्तिम दिन सेवानिवृत किया जो तथा उन्हें उस माह का पूर्ण वेतन दिया जाने के सम्बन्ध में अवगत कराया।
इसके अतिरिक्त, केन्द्रीय एवं सार्वजनिक क्षेत्र में डीजीआर द्वारा प्रायोजित राज्य ईएसएम कारपोरेशन से सुरक्षा कार्मिकों को लगाने के सम्बन्ध अवगत कराते हुए बताया गया है कि सुरक्षा सेवाओं के लिए सुरक्षा कार्मिकों की आवश्यकताओं हेतु केवल डीजीआर से प्राप्त करें, न कि खुली निविदा प्रक्रिया मंे जायें। उद्योग और भारी उद्योग एवं सार्वजनिक उद्योग मंत्रालय द्वारा समय समय पर दिशा निर्देशों के अनुरुप, उत्तराखण्ड राज्य में एसजेवीएनएल, आईओसी, डीईएएल रायपुर, टीएचडीसी एव ंबीएचईएल वर्ष 2005 से अब तक डीजीआर द्वारा जारी दिशानिर्देश के अनुसार ही उपनल से सुरक्षा सेवाएं ले रहे हैं जबकि ओएनजीसी, आईआईपी एवं आईआरडीई जैसे भारी उद्योग एवं सार्वजनिक उद्यम मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार उपनल से सुरक्षा सेवा/सुरक्षा कार्मिक नहीं ले रहे है और निजी ठेकेदारों से सुरक्षा सेवाऐं ले रहे हैं जो कि उत्तराखण्ड राज्य से बाहर के हैं।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने इस बावत अतिशीघ्र सकारात्मक निर्णय लिये जाने का आश्वासन दिया है। इस अवसर पर पीबीओआर पूर्व सैनिक ऐसोसिऐशन के केन्द्रीय अध्यक्ष पीटीआर शमशेर सिंह बिष्ट भी उपस्थित रहे।