November 21, 2024

News India Group

Daily News Of India

NIA, UP ATS व दिल्ली स्पेशल सेल के लिए वांटेड था IS India Chief हारिस, एएमयू से किया बीटेक; देहरादून से खास नाता

1 min read

गुवाहाटी में असम पुलिस की गिरफ्त में आया आतंकी संगठन आइएस का इंडिया चीफ देहरादून निवासी हारिस फारुखी लंबे समय से केंद्रीय जांच एजेंसी (एनआइए), उत्तर प्रदेश एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (यूपी एटीएस) और दिल्ली स्पेशल सेल के लिए वांटेड था। हारिस व उसके साथियों के विरुद्ध महाराष्ट्र की पुणे पुलिस ने गैर-कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) में भी मुकदमा दर्ज किया हुआ है। जांच एजेंसियों के अनुसार, अलीगढ़ में ट्यूशन की आड़ में हारिस आतंकी गतिविधियों में संलिप्त था। जांच में यह भी पता चला है कि हारिस को आतंकी संगठनों से फंडिंग की जा रही थी और उसने आइडी ब्लास्ट की भी ट्रेनिंग ली हुई थी।

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से ली बीटेक की डिग्री
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के सिंगल मंडी क्षेत्र निवासी आइएस के इंडिया चीफ हारिस फारुखी ने दसवीं तक की शिक्षा देहरादून में एक स्कूल से ली। इसके बाद वर्ष 2012 में वह आगे की शिक्षा के लिए उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ चला गया। वहां एक स्कूल से 12वीं करने के बाद हारिस ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) से केमिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री ली। इसके बाद वह अलीगढ़ में ही ट्यूशन देने लगा।

आइडी ब्लास्ट की ली ट्रेनिंग
जुलाई-2023 में महाराष्ट्र की पुणे पुलिस ने बाइक चोरी में एक गिरोह का पर्दाफाश किया, जिसके तार आतंकी संगठन आइएस से जुड़े हुए थे। इसी दौरान हारिस फारुखी का नाम भी सामने आया। इससे पूर्व जून-2023 में हारिस बकरीद मनाने के लिए अपने घर देहरादून भी आया था। हारिस के बारे में पड़ताल कर रही जांच एजेंसियों को पता चला कि उसने आइडी ब्लास्ट की ट्रेनिंग भी ली हुई है और वह बम ब्लास्ट की साजिश रच रहा था। इसके बाद पुणे पुलिस की ओर से हारिस व उसके साथियों के विरुद्ध दर्ज मुकदमे में यूएपीए की धारा भी लगा दी और मामला जांच के लिए एनआइए को स्थानांतरित कर दिया गया।
अक्टूबर-2023 के दौरान दिल्ली स्पेशल सेल ने एसआइ से जुड़े आतंकियों को गिरफ्तार किया। इस दौरान भी हारिस फारुखी का नाम सामने आया। दिल्ली स्पेशल सेल ने हारिस के विरुद्ध अलग से मुकदमा दर्ज किया। दिसंबर-2023 में यूपी एटीएस ने एक आतंकी माड्यूल पकड़ा, जिसमें अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कुछ छात्रों को गिरफ्तार किया गया था। तब भी हारिस फारुखी का नाम सामने आया। इस पर यूपी एटीएस ने भी उसके विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया। पुणे पुलिस के बाद एनआइए और यूपी एटीएस लगातार हारिस की तलाश में दबिश दे रही थी।

हारिस के स्वजन से संपर्क में थी जांच एजेंसियां
हारिस फारुखी का नाम आइएस से जुड़ने के बाद केंद्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) गोपनीय ढंग से लगातार उसके देहरादून निवासी स्वजन से संपर्क में थी। बताया गया कि अक्टूबर-2023 में भी एनआइए की टीम ने फारुकी के घर पहुंचकर स्वजन से पूछताछ की थी। इस वर्ष जनवरी में अयोध्या में श्रीरामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर भी हारिस एनआइए व यूपी एटीएस के निशाने पर था। वहीं, हारिस की गिरफ्तारी के बाद दून पुलिस और स्पेशल टास्क फोर्स की टीमें भी हारिस के स्वजन से पूछताछ कर उनके बैंक खातों की पड़ताल कर रही हैं।

छह भाई-बहनों में दूसरे नंबर का है हारिस
देहरादून निवासी अजमल फारुकी की छह संतानों में हारिस दूसरे नंबर पर है। उसका बड़ा भाई ग्राफिक्स व बिल्डिंग निर्माण, हारिस से छोटा एक भाई हैदराबाद से पीएचडी कर रहा है जबकि तीसरा देहरादून में रहकर एनआइटी की तैयारी कर रहा है। उसकी दो बहनों में से एक अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से पढ़ाई कर रही है, जबकि दूसरी देहरादून में ही एक स्कूल में पढ़ती है। हारिस शादीशुदा है और उसकी पत्नी बिहार की निवासी है। पत्नी भी हारिस के साथ अलीगढ़ में रह रही थी। हारिस के पिता अजमल फारुकी नगर निगम देहरादून में हकीम के पद पर कार्यरत थे, जो वर्ष 2018 में सेवानिवृत्त हो गए थे। इसके बाद अजमल ने नगर निगम दफ्तर के सामने ही बने कांप्लेक्स में शाफी दवाखाना नाम से दुकान खोल ली है। गुरुवार को उनका दवाखाना बंद रहा। जब इस संबंध में अजमल फारुकी से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कोई भी बात करने से मना कर दिया।

मूलत: प्रतापनगर उत्तर प्रदेश का है परिवार
दून पुलिस की जांच में पता चला है कि हारिस फारुखी का परिवार मूल रूप से प्रतापनगर (उत्तर प्रदेश) का रहने वाला है। वर्ष 1950 में हारिस के पिता अजमल फारुकी परिवार समेत देहरादून आ गए। इसके बाद काफी समय तक अलग-अलग जगह किराये के मकान में रहे और करीब 30 वर्ष पूर्व अजमल फारुकी ने सिंगल मंडी में अपना मकान बना लिया।
जांच में पता चला कि हारिस पढ़ने-लिखने में काफी होशियार था, इसलिए वह उच्च शिक्षा के लिए अलीगढ़ चला गया। हारिस केमिकल इंजीनियरिंग में बीटेक पास है। इसके बाद ही वह अलीगढ़ में 11वीं व 12वीं कक्षा के छात्रों को ट्यूशन पढ़ा रहा था।