हर्बल गार्डन का हुआ उद्घाटन, रोपे सेकडो़ पौधे।
1 min readअरविन्द थपलियाल
उत्तरकाशी : जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने गुरुवार को संजीवनी हर्बल गार्डन का रिवन काटकर उद्घाटन किया। हर्बल गार्डन में करीब ढाई सौ विभिन्न गुणकारी औषधीय व फलदार पौध रोपित किए गए। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने हर्बल गार्डन में सीता अशोक की पौध भी रोपित की।
जिलाधिकारी ने कहा कि जिला कार्यालय परिसर के एक हिस्से में काफी लंबे समय से खाली जमीन थी। जिसका उपयोग काफी लंबे अरसे से नही किया जा रहा था। पर्यावरण प्रेमी प्रताप पोखरियाल व उनकी टीम द्वारा जमीन का उपयोग कर सुंदर हर्बल गार्डन के रूप में विकसित किया है। निश्चित तौर पर आने वाले दिनों में पर्यावरण प्रेमियों व औषधीय पौध के शोधकर्ताओं व कलेक्ट्रेट में आने वाले आगन्तुकों को इसका लाभ मिलेगा।
जिलाधिकारी ने कहा कि इसी प्रकार के हर्बल गार्डन सरकारी कार्यालयों में भी बनाये जाएंगे। उन्होंने जनता से भी अपील की है कि अपने घर व बंजर पड़ी जमीन में जरूर औषधीय पौध लगाएं। बृहद रूप से पौध लगाने व उनकी अच्छी देख-रेख होने पर ये आपके लिए एक अच्छा आय का स्रोत बन सकता है। हर्बल गार्डन तैयार करने पर जिलाधिकारी ने पर्यावरण प्रेमी प्रताप पोखरियाल व उनकी पूरी टीम की प्रशंसा करते हुए बधाई दी।
पर्यावरण प्रेमी प्रताप पोखरियाल ने कहा कि जिलाधिकारी के मार्गदर्शन पर कलेक्ट्रेट परिसर में संजीवनी हर्बल गार्डन का आज विधवत उद्घाटन हो गया है। गार्डन में विभिन्न प्रजाति की करीब ढाई सौ पौध लगाई गई है। जिसमें रूद्राक्ष, नीलकंठी, सिन्दूरी, गुड़हल, सर्पगंधा, अकरकरा, अर्जुन, बेलपत्र, लसून बेल, कनक चम्पा, जावा ग्रास, हरसिंहार, पुत्रजीवक, सीता अशोक, शमी, पीला कनेर, पिलखन, मौलश्री, अश्वगंधा, चित्रक, स्टीबिया, रोजमेरी, गिलोय, हड़जोड़, वनस्पा, पीलावासा, भृंगराज, थुनेर, सीबकथाॅर्न, हंसराज, अपामार्ग, वच, एलोवेरा, काला ऐलोवेरा, मीठा ऐलोवेरा, छोटी इलायची, बड़ी इलायची, कालमेघ, एरोकेरिया, क्षूप सतावर, कमरख, काली हल्दी, छुईमुई, तेजपात, दालचीनी, वाकुची, मनीप्लांट, दुग्धिका, नगदोन, फालसा, बहेड़ा, हरड़, आवंला, मीठी नीम, कपूर तुलसी, श्यामा तुलसी, लेमन तुलसी, रामा तुलसी, लौंग तुलसी, ब्राह्मी, लेमनग्रास, जावाग्रास, पिपरमिंट, अजवाइन, सतावर, कासनी, अनार, कालाबासा, वोगेनवेलिया, पत्थरचूर, मोरपंखी, बुरांश, अमलतास, देवदार, काफल, सदाबहार, अमरूद, जामुन, पीपल, गूलर, कपूर, नीम, कागजी नीबू, दर्दमार, निंर्गुडी, गुंज्जा, गंध प्रसारिणी, दमबैल, पीला धतूरा, पलास, आमाहल्दी, मसोढ़ा, गिलोय, गेंदा, ओरेंज बेल, चाइनापाम, विक्टोरिया, पुदीना, पिप्पली, कनेर गुलाबी, चांगेरी, पुदीना, पुनर्नवा, अडूसा (बासा), कैलेन्चु, रक्त चंदन, टिमरू, रीठा, इंसुलिन प्लांट, सफेद मूसली, गुलदाऊदी, रात की रानी आदि पौध शामिल है।
इस दौरान जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कमांडर हेमंत कुमार वर्मा, डॉ शम्भू प्रसाद नोटियाल आदि उपस्थित रहे।