योगपीठ पतंजलि द्वारा संचालित अर्धवार्षिक योगाहार कार्यक्रम हुआ सम्पन्न, यह रही विशेषता-पढ़ें

कुलदीप उनियाल
देहरादून : योगपीठ हरिद्वार से संचालित पतंजलि फार्मर समृद्धि प्रोग्राम के तत्वाधान में सफलतापूर्वक छह माह से अनवरत योगाहार कक्षा का सफल आयोजन किया गया। करोना काल के दौरान देश के किसानों से जुड़े रहने हेतु पतंजलि कृषक समृद्धि कार्यक्रम के द्वारा समय समय पर वेबिनार का आयोजन किया जाता था। इसी दौरान एक दिन बेहतर स्वास्थ्य हेतु योग सीखने का कार्य किया गया। बेहतर स्वास्थ्य हेतु योग की उसकी प्रसंगति को देखते हुए स्वैच्छिक योग कार्यक्रम की शुरुआत की गई।योग उपरांत चर्चा सत्र में किसानों द्वारा अपनी समस्याओं का समाधान पूछा जाने लगा।
इस कार्यक्रम में किसानों की बढ़ती रुचि को देखते हुए वर्तमान योगाहार कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की गई जिसमें प्रतिदिन भारत के विभिन्न क्षेत्रों से योग शिक्षक योग सिखाते हैं एवं मुख्य अतिथि के द्वारा उद्बोधन किया जाता है। इस कार्यक्रम की सफलता को देखते हुए विदेशों से भी व्यक्ति योग शिक्षक एवं मुख्य अतिथि इस कार्यक्रम में अपना योगदान देने लगे।
ज्ञात हो की इस कार्यक्रम में प्रतिदिन सुबह 6 बजे से 7 बजे तक योग कक्षा होती है एवं उसके बाद 7 बजे से 8 बजे तक जैविक खेती से संबंधित समस्याओं और उसके समाधान पर चर्चा की जाती है। यौगिक कक्षा के अगले क्रम में निर्मल ग्राम अभियान की तर्ज पर जैविक योग ग्राम अभियान एवं योगाहार कार्यक्रम के बारे में चर्चा शुरू की गई तथा चर्चा के बाद देश के कई स्थानों में गांव के किसानों के द्वारा स्वैच्छिक रूप से जैविक खेती के प्रचार एवम प्रसार हेतु जैविक निर्मल ग्राम की शुरूआत की गई। इसमें गांव के सभी लोगों की सहभागिता रहती थी। इस कार्यक्रम से जैविक खेती के प्रति किसानों और ग्रामीणों की जागरूकता बढ़ी है। भारतवर्ष के सफल जैविक किसानों से संबंधित वीडियो और लेख भी इस कार्यक्रम में किये जाते हैं, जिससे और किसान भी प्रेरणा ले सकें। इस योगाहार कार्यक्रम में चर्चा सत्र के दौरान प्रति दिन भिन्न विषय या विगत दिवस की चर्चा को आगे बढ़ाया जाता है। इस दौरान पतंजलि से जुड़े एवं अन्य विभिन्न किसानों की आम समस्याओं को सुनकर विशेष विशेषज्ञों द्वारा उनका निराकरण भी किया जाता है। समय समय पर किसानों को खेती ,बागवानी और बाजार संबंधी जानकारियां भी दी जा रही हैं। किसानों के अतिरिक्त आम जन से भी इस कार्यक्रम के प्रति रूचि जागृत हुई है इस खास कार्यक्रम में देश के 18 राज्यों के किसान जुड़े हैं जो आपसी संवाद के जरिये जैविक खेती और योग के समन्वय पर आपसी अनुभवों का आदान प्रदान करते हैं।
इस कार्यक्रम की खासियत यह है कि प्रत्येक दिन होने वाली योग कक्षा में नया योग शिक्षक औऱ कार्यक्रम में नए मुख्य अतिथि भाग लेते हैं। इस अनूठी पहल का मुख्य मकसद पूरे समाज के उत्पादों को उपभोक्ताओं तक पहुँचाने व किसान का मार्गदर्शन करते हुए उसके क्षमता का विकास करना है।
यह देश का पहला लाइव कार्यक्रम है जिसमे रोज किसान योग के साथ अपने दिन प्रतिदिन के ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा करते हैं। इस कार्यक्रम को देश भर के किसान खूब पसंद कर रहे हैं। जैविक थाली इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण है। इस पर किसान उपभोक्ताओं को जैविक थाली परोसने के लिए रणनीति पर अपने अनुभवों को साझा करते हैं। इस मुहिम को गति देने के लिए जैविक किसान एवम पतंजलि ऑर्गेनिक रिसर्च इंस्टीट्यूट के विशेषज्ञ दिन रात जुटे हैं।कार्यक्रम के अंतर्गत पहले 25 दिन के बाद एक योग आहार उत्सव मनाया गया तथा उसके बाद हर 25 पर दूसरा योगाहार उत्सव मनाया जाने लगा। इस तरह से आज अर्धवार्षिक योगाहार कार्यक्रम सम्पन्न किया गया।