October 9, 2024

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बेजुबान हैं बेवकूफ नही, बोल नही सकते पर समझ जाते हैं

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देहरादून : उत्तराखंड में जबसे लॉक डाउन हुआ है तबसे विभिन्न सामाजिक संस्थाएं, राजनैतिक संगठन एवं स्वयंसेवी लोग बढ़-चढ़ कर जरुरतमंदों की मदद कर रहे हैं.. कुछ लोग प्रति दिन आवारा पशुओं (कुत्तों, गाय, बंदरों) को चारा एवं खाना दे रहे हैं.. और गौर करने वाली बात ये है की आजकल आवारा पशु भी सोशल डिस्टेंस रखते हुए नजर आ रहे हैं..

मसूरी शहर निवासी दिगंबर (टीटू) और दीपक रावत भी हमेशा की तरह निकल पड़े हैं शहर को अपना अमूल्य योगदान देने के लिए…

दिगंबर (टीटू) और दीपक रावत ये दो नाम हम इसलिए बता रहे हैं क्यूंकि मसूरी शहर और आस-पास के क्षेत्र में घटित होने वाली कई दुर्घटनाओं में ये नाम रेस्क्यू वोरियार्स के नाम से जाने जाते हैं.. दिगंबर (टीटू) निस्वार्थ भाव से पिछले 10वर्षों से अपनी टीम के साथ मिलकर लोगों की मदद करते नज़र आये हैं..

और कोरोना संक्रमण को देखते हुए जब से लॉक डाउन हुआ है तब से दिगंबर और दीपक रावत आवारा पशुओं को चारा देते और पुलिस-प्रशासन का सहयोग करते हुए खाद्य सामग्री के पैकेट बनाते नज़र आ रहे हैं..

दिगंबर (टीटू) ने newsindiagroup से बात करते हुए बताया –

मै और मेरे साथी दीपक रावत लॉकडाउन के बाद से अपने घरों से अपनी क्षमता अनुसार रोटी बनाकर लेते हैं और शहर की सडकों पर घूम रहे पशुओं(कुत्तों) को देते हैं..  साथ ही उसके बाद हम दोनों  वोलिंटियर्स के रूप में जरुरतमंदों के लिए खाद्य सामग्री के पैकेट पैक करते हैं.. जिसके बाद हम अपने अगले कार्य कि ओर आगे बढ़ जाते हैं और अधिवक्ता/समाजसेवी रमेश जायसवाल के नेतृत्व में शहर और आस-पास के क्षेत्र में जितनी भी गाय सड़कों पर नज़र आती हैं उन्हें चारा देते हैं..

अंत में दिगंबर और दीपक कहते है की सड़कों पर बेसहारा घुमने वाले पशुओं को हम आवारा नही समझते क्यूंकि ये वो बेजुवान हैं जो अधिकांश स्वार्थी लोगों के द्वारा सड़कों पर दर दर भटकने के लिए छोड़े गये हैं..  और अगर गौर किया जाये तो ये बेजुवान इंसानों से ज्यादा समझदार हैं जो सामाजिक दूरी का पालन करते हुए नज़र आ रहे हैं.. दिगंबर ने कहा की हमारा कार्य यहीं पर समाप्त नही होगा हम भविष्य में भी इन बेजुवान पशुओं के लिए कार्य करते रहेंगे.

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