लॉकडाउन में बर्बाद देहरादून का बिजनेसमैन बना कोबरा गैंग का सरगना, हाई प्रोफाइल पार्टीज में सप्लाई करता था नशा; ऐसे आया पकड़ में
1 min readदून पुलिस ने हाई प्रोफाइल नशे के साथ कोबरा गैंग के सरगना को गिरफ्तार किया है। आरोपित मेथिलीन डाइआक्सी मेथामफेटामाइन (एमडीएमए) को देहरादून में सप्लाई कर रहा था। एमडीएमए की तस्करी के मामले अधिकतर मुंबई आदि महानगरों में मिलते हैं। जब पूर्व में गैंग के छह सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया तो आरोपित नोएडा में छिप गया था। इससे पहले वह पिट एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत नौ महीने जेल में रह चुका है। एसएसपी अजय सिंह ने आरोपित को गिरफ्तारी करने वाली पुलिस टीम को 10 हजार रुपये पुरस्कार देने की घोषणा की है।
लॉकडाउन में नुकसान होने के कारण नशा तस्करी करने लगा
एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि पूर्व में पटेलनगर कोतवाली व थाना राजपुर पुलिस ने नशा तस्करी में लिप्त कोबरा गैंग के छह सदस्यों को कोकीन के साथ गिरफ्तार किया था। पूछताछ में सरगना शिवम गुप्ता निवासी देहराखास, पटेलनगर का नाम सामने आया था। तस्कर की गिरफ्तारी के लिए एसओजी टीम को निर्देश दिए गए थे। एसओजी प्रभारी लोकेंद्र बहुगुणा ने गुरुवार को आरोपित शिवम गुप्ता को रतन पार्क अपार्टमेंट ग्रेटर नोएडा से गिरफ्तार किया। पूछताछ में आरोपित ने बताया कि वह पूर्व में अनुराग चौक पर एपल रेस्टोरेंट तथा विजय पार्क में दून काफी हाउस चलाता था, लेकिन लॉकडाउन में नुकसान होने के कारण वह नशा तस्करी करने लगा। वह पिछले कुछ समय से नशे के कारोबार में लिप्त है और अपने साथियों के माध्यम से अलग-अलग जगह नशे की तस्करी करता है।
आरोपित ने अपने पटेलनगर स्थित घर में कुछ नशा रखने की जानकारी दी। पुलिस टीम ने आरोपित की निशानदेही पर उसके टीएचडीसी कालोनी देहराखास स्थित घर से 240 ग्राम चरस व 10.08 ग्राम एमडीएमए बरामद की। आरोपित को कोर्ट के समक्ष पेश किया गया, जहां से उसे जेल दिया गया है। तस्कर के खिलाफ नशा तस्करी, मारपीट व धमकी देने के नौ मुकदमे दर्ज हैं।
क्या होता है एमडीएमए नशा
एमडीएमए नशा सेलिब्रिटीज हाई प्रोफाइल पार्टीज में इस्तेमाल किया जाता है।
इस नशे की तस्करी यूरोप से मुंबई बड़े पैमाने पर की जाती है।
एमडीएमए 2500 से 3000 रुपए प्रति ग्राम में बिक रहा है जो कोकीन के बाद सबसे महंगा नशा है।
यह चावल के दानें से बड़ा होता है, जोकि कोडवर्ड से ही मिलता है।
चिकित्सकों की मानें तो नशे के सेवन से शुरुआत में स्फूर्ति एवं उत्साह महसूस होता है, लेकिन आदत पड़ने पर दिमागी बीमारियां व चिड़चिड़ापन रहने लगता है।