निर्दलीय विधायक बने भाजपा नेता, बदले पार्टी समीकरण।

अरविन्द थपलियाल
उत्तरकाशी : धनोल्टी से विधायक प्रितम सिहं पंवार ने कल दिल्ली में केंद्रीय नेताओं की अगुवाई में भाजपा की सदस्यता ली है, विधायक प्रितम धनोल्टी से विधायक हैं और वह निर्दलीय चुनाव लड़कर धनोल्टी से विधायक बन गये। अब विधायक प्रितम पंवार के भाजपा की सदस्यता को लेकर धनोल्टी और यमुनोत्री के बडे़ नेताओं को अपनी राजनैतिक जमीन का डर सताने लगा है और यह डर तब भी है जब विधायक पंवार की राजनैतिक पकड़ धनोल्टी विधानसभा में और यमुनोत्री विधानसभा में बहुत मजबूत है।
धनोल्टी विधायक प्रितम पंवार आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा में आये और वह मौजूदा समय में धनोल्टी विधायक हैं।
धनोल्टी विधायक के भाजपा में आने से अब अटकलों का बाजार गर्म है कि विधायक क्या धनोल्टी से चुनाव लडे़गें या यमुनोत्री से।
अब यदि विधायक प्रितम पंवार को भाजपा धनोल्टी से भाजपा का प्रत्याशी बनाती है तो धनोल्टी के भाजपा जमीनी नेताओं का क्या होगा और दूसरी ओर यदि भाजपा अपने पार्टी विधायक केदार सिंह रावत का टिकट काटती है तो विधायक रावत कौन सी रणनीति अपनायेंगें, अब यह सवाल भाजपा के उस जमीनी नेता के जहन में है जो भाजपा के लिये अपनी उम्र खफा चुके हैं।
सुत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि यदि विधायक प्रितम पंवार को यमुनोत्री या धनोल्टी से भाजपा का प्रत्याशी बनाया जाता है तो भाजपा के दर्जनों जमीनी नेता बगावत कर सकतें हैं ,पता चला कि यह नेता पैरासूट नेताओं से परेशान हैं और ऐसे नेताओं के लिये काम करना नहीं चाहतें हैं।
अब हांलाकि यह सारी बातें और अटकलें समय के गर्त में हैं और भाजपा के अंदर की रणनीति है लेकिन दर्जनों जमीनी नेताओं को विधायक पंवार का भाजपा में आना नामंजूर है।