स्वास्थ्य सचिव की नाराजगी के बाद निदेशक स्वास्थ्य व सीएमओ पहुंचे मसूरी, स्वास्थ्य सेवाओं पर किया मंथन।
मसूरी : प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश के मसूरी दौरे व उनके द्वारा नाराजगी प्रकट करने के बाद उप जिलाचिकित्सालय की कमियों को दूर करने के लिए निदेशक स्वास्थ्य ने सीएमओ व सीएमएस के साथ उपजिला चिकित्सालय मसूरी में बैठक ली व कमिंयों को दूर करने के लिए मंथन किया साथ ही नर्सिग स्टॉफ एवं चतुर्थश्रेणी कर्मचारियों की कमी को शीघ्र पूरा करने की बात कही।
स्वास्थ्य सचिव के मसूरी दौरे के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मसूरी पहुचे व यहां बैठक कर कमियों को दूर करने पर मंथन किया। इस मौके पर निदेशक स्वास्थ्य गढवाल मंडल डा. डीके वनकोटि ने कहा कि उप जिलाचिकित्साल में जो स्टॉफ की कमी है या समस्यायें है उसे दूर करने के प्रयास के लिए मसूरी आकर बैठक कर रहे हैं ताकि समस्याओं का समाधान हो सके व स्टॉफ की कमी को पूरा किया जा सके। उन्हांेने कहा कि अस्पताल ठीक से चले व जनता की सेवा हो सके इसका पूरा प्रयास किया जायेगा। उन्होंने कहा कि जो पद रिक्त है वह किस तरह से पूरे हो इसका समाधान किया जायेगा। उन्होंने कहाकि जो हमारे स्तर की समस्यायें है उन्हें अपने स्तर से पूरा किया जायेगा व जो उच्च स्तर की समस्यायें हैं उसे उच्च स्तर पर अपनी संस्तुति देकर अवगत कराया जायेगा। इस मौके पर सीएमओ डा. मनोज उप्रेती ने कहा कि जो चिकित्सक पीजी करने गये है उसके अलावा जो चिकित्सक अस्पताल में कार्यरत है उनसे काम चलाया जा सकता है। लेकिन जो चतुर्थ श्रेणी व स्टॉफ नर्स की कमी है उसे पूरा करने का हर संभव प्रयास किया जायेगा। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से नर्सिग स्टॉफ की नियुक्ति की जाने वाली है उसमें से अगर दस नर्सिंग स्टॉफ मसूरी को मिल जायेगा तो उससे अस्पताल चलाने में आसानी होगी व किसी हद तक समस्याओं का समाधान हो सकेगा। वहीं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की कमी की बात है उसका समाधान करने का पूरा प्रयास किया जायेगा विशेष कर मसूरी में दो सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति व अन्य चतुर्थश्रेणी कर्मचारियों की कमी को पूरा करने का प्रयास किया जायेगा। उन्होंने उपजिला चिकित्सालय व सेंटमेरी अस्पताल के एकीकरण करने के बारे में कहा कि इस बारे में आपसी वार्ता हो चुकी है व अगर यह शीध्र हो जाता है तो उप जिलाचिेिकत्सालय के लिए बजट की कमी नहीं होगी व आसानी से अस्पताल चल सकेगा। उन्होंने कहा कि यहंा तैनात चिकित्सकों से कहा जायेगा कि वह अपना शत प्रतिशत सेवा दें। अगर यह हो गया तो अस्पताल चलाने में परेशानी नहीं होगी। अन्यथा व्यवस्था बनाने में परेशानी होगी। जहां तक उपकरणों का सवाल है तो यहंा पर सभी उपकरण पर्याप्त हैं, डायगनोस्टिक्स के लिए दो मशीने कार्य कर रही है अल्ट्रासाउंड हो रहा है सिटी स्केन हो रहा है। जांच की सुविधाएं निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही हैं केवल स्टॉफ की कमी है अगर वह पूरी हो जाती है तो अस्पताल अपनी पूरी सेवा देने को तैयार रहेगा। इस मौके पर निदेशक स्वास्थ्य कोरोनेशन डा, एसडी सकलानी, सीएमएस डा. यतेंद्र सिंह, डा. प्रदीप राणा आदि मौजूद रहे।