शहरी विकास निदेशालय का कारनामा, फर्जी प्रमाण पत्र पाये जाने पर दण्डित करने के बजाय कर दी पदोन्नति – दीपक सक्सेना।
मसूरी : नगर पालिका मसूरी में कार्यरत कनिष्ठ सहायक विनोद कुमार के शैक्षिक प्रमाण पत्र फर्जी पाये जाने के बाद कारण बताओं नोटिस जारी किया गया लेकिन इसके बाद शहरी विकास निदेशालय ने उनकी पदोन्नति वरिष्ठ सहायक के पद पर हरबर्ट पुर कर दिया, जिससे शहरी विकास विभाग की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खडा हो गया है।
इस संबध में शिकायत कर्ता दीपक सक्सेना ने पत्रकारों से बातचीत में सरकार की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि जिस कनिष्ठ लिपिक विनोद कुमार के शैक्षिक प्रमाण पत्र फर्जी पाये गये, शिकायत के बाद शहरी विकास निदेशालय ने एक जांच कमेटी बनाकर बनारस भेजा जहां से उन्होंने हाई स्कूल व इंटर की परीक्षा पास कर दर्शाया गया व जांच में उनके सभी प्रमाण पत्र फर्जी पाये गये जिसकी जांच रिपोर्ट कमेटी ने निदेशक शहरी विकास को प्रेषित की जिसके बाद निदेशक शहरी विकास नवनीत पांडे ने विनोद कुमार को कारण बताओ नोटिस भेजा व अवगत कराया कि जांच कमेटी ने उनके शैक्षिक प्रमाण पत्र फर्जी पाये हैं व कूट रचना कर अवैध रूप से पदोन्नति पायी है। इस पर निदेशालय ने 15 दिनों में अपना पक्ष रखने को कहा व पक्ष न रखने पर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई जायेगी व पदोन्नति के फल स्वरूप अधिक आहरित वेतन मय ब्याज के वसूल किया जायेगा। दीपक सक्सेना ने कहाकि जब निदेशालय ने उन्हें नोटिस जारी किया तो उसके बाद उनकी निदेशालय ने विनोद कुमार को दण्डित करने के बजाय कनिष्ठ सहायक से वरिष्ठ सहायक पद पर 13 मई हो हरबर्ट पुर नगर पालिका में स्थानांतरण कैसे किया। जो निदेशालय की कार्य प्रणली पर सवाल खडे़ करता है। उन्होंने कहा कि इस सबंध में विनोद कुमार की शिकायत मुख्य सचिव उत्तराखंड को भी की गई थी इसके बाद भी अगर विनोद कुमार के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती तो वह सीएम व पीएम पोर्टल पर शिकायत करेंगे। आश्चर्य की बात है कि प्रदेश सरकार के तमाम घोटाले सामने आने के बाद भी सरकार के विभाग नही चेत रहे जिससे लगता है कि कहीं न कहीं विभाग इसके संलिप्त है व उन्हें बचाने का प्रयास कर रहा है।