यमुनोत्री विधानसभा का राजनैतिक मौषम बदला, राजनैतिक समीकरणों में भारी उलटफेर।
अरविन्द थपलियाल
उत्तरकाशी : उत्तराखंड विधानसभा में विधानसभा के चुनाव होने को अब कम समय बचा हुआ है और राज्य में राजनैतिक सरगर्मीयां तेज हो गयी हैं, विधानसभा चुनाव की यदि हम बात करें तो जनपद उत्तरकाशी की यमुनोत्री विधानसभा की सीट अब हाट हो गयी है हांलाकि यह सीट हाट पहले से ही थी लेकिन अब अध्यक्ष जिला पंचायत के कांग्रेस की सदस्यता के बाद समीकरण भारी उलट हो गये हैं यह मामला तब हुआ जब पहले ही कांग्रेस का संगठन बिजल्वाण के कांग्रेस की सदस्यता का विरोध कर रहे थे लेकिन दिल्ली के बडे़ नेताओं के बिच बिजल्वाण ने सदस्यता ली।
बतादें कि यमुनोत्री विधानसभा में कांग्रेस और भाजपा अब खेमों बंट गयी है हांलाकि भाजपा के अंदर पहले से ही गतिरोध था लेकिन कांग्रेस संजय डोभाल के पक्ष में मजबूती से खडी़ थी।
कांग्रेस की यदि बात करें तो पिछले पांच सालों से यमुनोत्री विधानसभा में कांग्रेस की अगुवाई संजय डोभाल कर रहे थे अब एन मौके पर बिजल्वाण का कांग्रेस की सक्रिय सदस्यता लेने से कांग्रेस के नेताओं को असमंजस मे डाल दिया है और उधर टिकट को लेकर माथापची होना भी लाजमिय है।
यमुनोत्री में हम समीकरणों के उलटफेर की बात तब कर रहे हैं जब भाजपा नेता और प्रदेश मिडिया प्रभारी मनवीर चौहान सहित जगवीर भंडारी, लक्ष्मण भंडारी, रामसुदंर नौटियाल सहित बडे़ चेहरे अपने अपने कुनबों को मजबूत करने में जुटे है और भाजपा टिकट की पैरवी कर रहे हैं तो ऐसे में मुसीबत अब विधायक केदार रावत के लिये है कि यदि भाजपा टिकट देती है तो सबसे बडा़ खतरा वहां भीतरघात हो सकता है जो मौजूदा स्थिति बता रही है और वही स्थिति संजय डोभाल की है जहां पहले ही बगावत है विधानसभा में कांग्रेस का संगठन सिर्फ संजय डोभाल के लिये काम करेगा जब उनका नाम टिकट के लिये आता है और यदि बिजल्वाण का टिकट के लिए आता है तो कांग्रेस का संगठन सीधेतौर पर बगावत करेगा जिससे पार्टी को बडा़ नुकसान हो सकता है। अब ऐसी स्थिति में किसी नेता केमजबूती का अंदाजा लगाना गलत होगा क्योंकि फिलहाल अभी विधानसभा के भीतर भगदड़ की स्थिति है और टिकट बंटवारे में दोनो राष्ट्रीय पार्टीयों की स्थिति स्पष्ट हो जायेगा कि आखिर कौन मजबूत स्तभं है।