सूचना अधिकार अधिनियम को पाठयक्रम में शामिल किया जाना चाहिए , बढेगी जागरुकता–भट्ट
मसूरी।
सूचना अधिकार अधिनियम 2005 शक्ति और चुनौतियां पर आयोजित गोष्ठी में राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने बतौर मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता के रुप में शिरकत की। इस मौके पर सूचना आयुक्त ने कहा कि आरटीआई का दुरुपयोग एक राष्ट्रीय चिंता का विषय बना है , उन्होने सुझाव दिया कि सूचना अधिकार अधिनियम को स्कूलों के पाठयक्रम में शामिल किया जाना चाहिए, इससे लोगों में जागरुकता बढेगी , कहा जितना अधिनियम को लेकर जागरुकता बढेगी उतना ही उसका सदुपयोग होगा ।नगर पालिका सभागार में स्टेट यूनियन आँफ वर्किंग जर्नलिस्टस मसूरी द्वारा सूचना अधिकार अधिनियम 2005 शक्ति और चुनौतियों विषय पर आयोजित गोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने कार्यक्रम का दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया । गोष्ठी में पहुंचे कई लोगों ने सूचना अधिकार के दुरुपयोग और सदुपयोग को लेकर आयोग से संवाद किया और शंकाओं को दूर करने के लिए आयुक्त से जानकारी भी मांगी । राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने कहा कि जनता के बीच जागरुकता बढाई जाए , जनता के बीच आरटीआई को लेकर संवाद होना चाहिए , कहा हर स्तर पर सामाजिक संगठनों, शिक्षण संस्थाओं, सरकारी विभागों द्वारा सूचना अधिकार के प्रति जागरुकता कार्यक्रम किया जाना चाहिए, कहा सूचना अधिकार का मूल उद्देश्य है कि सुशासन और पारदर्शिता है । कहा जो लोग सूचना अधिकार का दुरुपयोग कर रहे है उनका मानना है कि जब सदुपयोग होना बंद हो जाता है तो दुरुपयोग शुरु हो जाता है , कहा जो सूचना मांगी जा रही है उसको सार्वजनिक भी किया जाना चाहिए, कहा लोकहित में मांगी गई सूचना दुरुपयोग नही मानी जाती है , लेकिन जहां कोई लोकहित नही है सिर्फ सरकारी महकमों और सिस्टम को डिस्टर्ब करने के लिए या किसी दुर्भावना के लिए सूचना मांगी जा रही है तो उसको अलाव नही किया जा सकता है । कहा सूचना अधिकार को लेकर जागरुकता होना बेहद जरुरी है , कहा मजबूत लोकतंंत्र के लिए आरटीआई एक मजबूत औजार है, कहा सिस्टम से कोई गलती हुई है तो उसमें सुधार के रुप में लिया जाना चाहिए, कहा आरटीआई का दुरूपयोग लोकतंत्र के लिए घातक है। गोष्ठी में पूर्व विधायक जोत सिंह गुनसोला, पूर्व पालिकाध्यक्ष ओपी उनियाल, मनमोहन सिहं मल्ल, इतिहासकार जयप्रकाश उत्तराखंड़ी, वरिष्ठ रंगकर्मी गणेश कुकशाल गणी ने भी सूचना के अधिकार के दुरुपयोग को लेकर अपने विचार रखे और आरटीआई के दुरुपयोग को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की । कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए संगठन अध्यक्ष प्रदीप भण्डारी ने कहा कि मतदान के अधिकार की तरह आजादी के बाद इस देश की संसद द्वारा पारित सूचना का अधिकार सबसे बड़ा कानून है। इस कानून को पारित करने के पीछे बड़ी सोच और बहुत मेहनत लगी है। इस अधिकार ने अफसरों की तानाशाही पर अंकुश लगाया है । इस अवसर पर गोष्ठी आयोजक संगठन अध्यक्ष प्रदीप भंडारी, पूर्व विधायक जोत सिंह गुनसोला, महामंत्री दीपक सक्सेना, पूर्व पालिकाध्यक्ष ओपी उनियाल, मनमोहन सिंह मल्ल, निधि बहुगुणा, ललित मोहन काला, अरूण गोयल, वीरेंद्र कैंतुरा, जय प्रकाश राणा, सुमित बंसल, शिव अरोड़ा, भानू काला, आशीष भट्ट सहित अन्य लोग मौजुद रहे।