पद्मश्री डॉ. संजय ने छात्रों से इसरो की तरह मानव जाति की भलाई के लिए सपने देखने का आग्रह किया।
देहरादून : पद्मश्री से सम्मानित ऑर्थोपीडिक एवं स्पाइन सर्जन डॉ. बी. के. एस. संजय 24 अगस्त 2023 को वीर माधो सिंह भंडारी उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय के इंडक्शन प्रोग्राम के मुख्य अतिथि थे। डॉ. बी.के.एस. संजय ने 23 अगस्त 2023 को चंद्रयान 3 मिशन की उपलब्धि के लिए इसरो टीम को बधाई दी और छात्रों व स्टाफ को मिठाई बांटकर छात्रों के साथ अपनी खुशी साझा की। भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। यह न केवल इसरो वैज्ञानिकों के लिए बल्कि सभी भारतीयों के लिए एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि भविष्य में राष्ट्रीय तिरंगा मंगल ग्रह और शनि ग्रह तक पहुंचेगा।
डॉ. संजय ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि मानव संसाधन पृथ्वी ग्रह पर सबसे बड़ा संसाधन है और आप हमारे देश का भविष्य हैं। आपको हमेशा राष्ट्र निर्माण के बारे में रहना चाहिए और आपका कार्य उस लक्ष्य को प्राप्त करने का माध्यम बन सकता है। इसरो की उपलब्धि एक उदाहरण है. यह न केवल भारतीय वैज्ञानिकों के लिए बल्कि पूरे विश्व के वैज्ञानिकों के लिए एक प्रोत्साहन है। हमारे सपने ही हमारा भविष्य हैं। इसलिए सपने जरूर देखें, अपनी मेहनत और लगन से उन्हें संवारें। डॉ. संजय ने छात्रों से न केवल अपनी बल्कि मानव जाति की बेहतरी के लिए सपने देखने का आग्रह किया।
डॉ. संजय ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का सपना तभी पूरा हो सकता है जब हर बच्चे को स्वास्थ्य, शिक्षा और भोजन मिलेगा वह भी अच्छा और सस्ता। डॉ. संजय ने एक अभिभावक के रूप में छात्रों से अपील की कि आपको जो अच्छा लगता है, वह करें, यदि किसी परिस्थिति या कारणवश यह संभव नहीं है तो आप जो भी करें उसे प्यार से करें। डॉ. संजय ने छात्रों को ड्राफ्ट का कॉन्सेप्ट दिया। उन्होंने कहा कि किसी भी कार्य को पहली बार में सही करें क्योंकि दोबारा करना और मरम्मत करना मुश्किल काम है।
डॉ. संजय ने यह भी कहा कि व्यवहार, ज्ञान और कौशल ही सफलता की कुंजी है। विचार किसी भी कार्य का प्राथमिक स्रोत होते हैं और व्यवहार सोच प्रक्रिया को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हम जो भी हासिल करना चाहते हैं वह व्यवहार, ज्ञान और कौशल के प्रयोग से हासिल कर सकते हैं।