लंढौर बाजार क्षेत्र का ट्रीटमेंट नहीं किया व अवैध पहाड़ कटान नहीं रोका तो जोशीमठ बन जायेगा।

मसूरी : पहाड़ों की रानी मसूरी का लंढौर क्षेत्र विगत कई वर्षों से लगातार धंस रहा है व लोगों के घरों व दुकानों में दरारें आ रखी है। लेकिन प्रशासन व सरकार की ओर से इस दिशा में कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा जबकि इस क्षेत्र में रहने वाले निवासियों को रात को नींद भी नहीं आती व अब जोशी मठ के धंसने के बाद लोगों में भय का माहौन बना है। इस संबंध में एसडीएम मसूरी शैलेंद्र नेगी ने मौके पर जाकर निरीक्षण किया व कहा कि इस क्षेत्र की संबंधित विभागों व वैज्ञानिकों से पूरी जांच करवाई जायेगी कि आखिर जमीन बैठने के कारणों का पता लगाया जायेगा। व इसके उपचार की व्यवस्था की जायेगी।
मसूरी का लंढौर बाजार लंढौर चौक से आगे व कोहिनूर बिल्डिंग तक लगातार विगत कई वषों से धंस रहा है जबकि कई बार रोड को मसाला भर कर बराबर करने का प्रयास किया गया लेकिन हर साल रोड धंसती जा रही है साथ ही भवनों को खतरा पैदा हो गया है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह क्षेत्र लगातार धंस रहा है और यहां पर जैन मंदिर की टाइलें भी टूटने लगी हैं लेकिन प्रशासन व सरकार की ओर से इस दिशा में कोई प्रयास नहीं किए जा रहे कि आखिर यह क्षेत्र धंस क्यों रहा है। जोशीमठ की घटना के बाद यहां के लोगों में भय व्याप्त है व रात को नींद नहीं आ रही कि कहीं यह क्षेत्र भी उस स्थिति में न आ जाय जिस स्थिति में जोशीमठ हो गया है। हालांकि अभी केवल रोड ही धंस रही है लेकिन अगर यही स्थित रही तो इसका असर भवनों पर भी पडे़गा। अगर इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले समय में बड़ी घटना हो सकती है। मालूम हो कि लंढौर क्षेत्र की तलहटी व साउथ रोड पर लगातार पहाड़ का कटान किया जा रहा है कहीं जेसीबी लगाकर सड़क बनाई जा रही है तो कहीं पर खुदान किया जा रहा है। जिसके कारण भूमि धंसाव बढ रहा है। तथा इसका क्षेत्र भी बढता जा रहा है। लेकिन ऐसे अवैध पहाड़ कटान व खुदान पर संबंधित विभाग मौन हैं।
स्थानीय व्यवसायी व व्यापार संघ के अध्यक्ष रजत अग्रवाल का कहना है कि लंढौर मसूरी का पुराना बाजार है जब मसूरी बसी तो सबसे पहले यहां पर ही मकान बने। पुराने मकान होने के कारण धंसाव हो रहा है, सरकार, प्रशासन व पालिका को इस ओर गंभीरता से धंसाव का पता लगा उपचार करना चाहिए ताकि यहां निवास करने वाले लोगों को राहत मिल सके। वहीं उन्होंने कहा कि पुराना बाजार होने के कारण यहां बहुमंजिला भवन बने हैं लेकिन एमडीडीए के कानून इनकी मरम्मत में बाधा बन रहे हैं अधिकाशं बाजार नजूल भूमि में है जिसके कारण यह आज तक फ्री होल्ड नहीं हो पाया जिस कारण इसका पुनर्निर्माण नहीं हो पा रहा है। व इस क्षेत्र के भवनों के स्वामी कई हैैं जिस कारण मरम्मत भी नहीं हो पाती, वहीं जिस प्रकार यह क्षेत्र भूकंप क्षेत्र है ऐसे में खतरा बढ़ रहा है व यहां की स्थिति जोशीमठ जैसी न हो इसके लिए सर्वें कर इन गिरासू भवनों के बारे में सोचना चाहिए।
व्यापारी रवि गोयल ने कहा कि लंढौर बाजार वितग तीन दशकों से धीरे धीरे धंस रहा है पूर्व में जब इसका पता चला तो रूड़की से सीबीआरआई के वैज्ञानिकों की टीम ने पूरे क्षेत्र का निरीक्षण किया व साउथ रोड के नीचे से लेकर लक्षमण पुरी तक पिलर लगाये व जाली लगायी ताकि पता चल सके कि धंसाव किस गति से हो रहा है व कितना हो रहा है लेकिन उसके बाद कुछ नहीं हो पाया अब यह क्षेत्र लगातार बढता जा रहा है। जिसका उपचार किया जाना चाहिए व साउथ रोड पर किसी भी प्रकार के निर्माण की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
धंसाव वाले स्थान पर दुकान चला रहे प्रियांशु ने कहा कि लंबे समय से यह क्षेत्र दरक रहा है इस संबंध में कई बार सरकारी अधिकारियों व पालिका को कहा गया लेकिन कुछ नहीं हुआ। स्वयं पालिकाध्यक्ष से भी इस बारे में बताया गया उन्होंने किसी को भेजा भी था लेकिन अभी तक कुछ नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि हम लोग रात को किस भय में काटते हैं यह हम ही जानते हैं। स्थानीय व्यवसायी शिमून अहमद सलमानी ने कहा कि यह क्षेत्र लगातार धंस रहा है उन्होंने कहा कि यहां की नालियां बंद है पानी की निकासी नहीं है जिस कारण यह क्षेत्र लगातार धंस रहा है व जब गाडी जाती है तो पूरी तरह से झुक जाती है जिससे जानमाल का खतरा बढ रहा है।
इस संबंध में पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता ने कहा कि लंढौर बाजार का जैन मंदिर क्षेत्र लगातार धंसता जा रहा है जो गंभीर समस्या बनता जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसके लिए पालिका इंजीनियर की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई जा रही है जो शीघ्र मौके पर जाकर निरीक्षण करेगी व रिपोर्ट देगी उसके बाद शासन प्रशासन को इस क्षेत्र के ट्रीट मेंट किया जायेगा किसी भी प्रकार की धनजन की हानि नहीं होने दी जायेगी।