नये मुख्यमंत्री के आने से जनता में निराशा, ऐसा कोई कार्य नहीं किया जिससे जनता में सकारात्मक संदेश जाये – जोत सिंह
1 min readमसूरी : उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि एक सप्ताह के सियासी ड्रामें के बाद शपथ लेने के छह दिन बाद भी नये मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने ऐसा कोई कार्य नहीं किया जिससे जनता में विकास की उम्मीदें जगती। उन्होंने केवल त्रिवेन्द्र सरकार के निर्णयों को बदलने का कार्य किया जिससे जनता में निराशा है।
मसूरी में पत्रकारों से बातचीत में कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि राज्य का अर्थ तंत्र ध्वस्त हो रखा है, सरकार ने 20 हजार करोड का कर्ज लाद रखा है उससे निजात कैसे मिलेगी, कर्मचारियों का वेतन कहां से आयेगा, राज्य का आर्थिक प्रबंधन कैसे ठीक होगा इस पर कुछ नही बोला। नए मुख्यमंत्री ने राज्य की ज्वलंत समस्याओं पर बातचीत करने के बजाय त्रिवेन्द्र सरकार के फैसलों को बदलने में ज्यादा रुचि दिखाई है। इससे यह तो प्रमाणित हो गया कि त्रिवेन्द्र सरकार के चार साल के कार्यकाल में विकास का पहिया पूरी तरह जाम रहा। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने नए मुख्यमंत्री द्वरा अपनी सरकार के फैसलों को पलटने पर नाराजगी व्यक्त करके एक नए झगड़े का संकेत दिया है। उन्होंने कहा कि विगत चार वर्षों में भाजपा की डबल इंजन सरकार द्वारा राज्य पर कर्ज को 20 हजार करोड़ बढ़ा दिया है। अनाप-सनाप खर्चा करके खाली किये गए राज्य के खजाने को भरने, राज्य के आर्थिक प्रबंधन को दुरूस्त करने के बारे में नए मुख्यमंत्री की तरफ से कोई पहल नही की गयी। राज्य की बेरोजगारी दर चरम पर है। प्रवासी बेरोजगार रोजगार की तलाश में दर-दर भटक रहे है। सरकारी विभागों में रिक्त पदों पर भर्ती करने, संविदा कर्मियों की सेवाएं जारी रखने तथा बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार की दिशा में जोड़ने में नए मुख्यमंत्री ने अब तक कुछ नही बोला है। राज्य में मंहगाई की मार से गरीब तबके की कमर टूट गयी है। मंहगाई पर नियंत्रण करने तथा महंगाई की मार से त्रस्त आमजन को छुटकारा दिलाने के बारे में मुख्यमंत्री ने कोई निर्देश नही दिया जाना अचंभित करने वाला है। पेट्रोल के दाम बढ़ाने से आम जरूरत की चीजें महंगी हो गई हैं, महंगाई की मार से आम जन को छुटकारा मिलेगा या नहीं इस पर भी मुख्यमंत्री मौन हैं। राज्य का किसान सूखे की चपेट में है, गन्ना किसानों को गने का बकाया भुगतान नही किया गया। राज्य की कानून व्यवस्था पर भी लगातार सवाल उठते रहे हैं। मातृशक्ति अपने को असुरक्षित महसूस कर रही है। कानून व्यवस्था दुरुस्त करने तथा महिलाओं को उत्पीड़न एवं शारिरिक शोषण से बचने के बारे में भी मुख्यमंत्री उदासीन हैं। ऐसे ही कुछ और ज्वलन्त मुद्दों जिनका समाधान राज्य सरकार एवं मुख्यमंत्री की प्राथमिकता में होना चाहिए था हमारे नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने उन पर बात न करके अपने अगले एक साल के कार्यप्रणाली का नमूना पेश कर दिया राज्य की जनता को मंहगाई, बेरोजगारी और कोरोना का कहर झेलना पड़ा। महिलाओं को भाजपा नेताओं का उत्पीड़न झेलना पड़ा। नये मुख्यमंत्री के द्वारा राज्य की इन ज्वलन्त समस्याओं के प्रति उदासीनता भविष्य में राज्य के लिए नुकसानदेह साबित होने वाली है। वहीं दो दो उपचुनाव थोप दिए है। तथा करोड़े रूपये होल्डिंग बैनरों में खर्च कर दिए हैं। जबकि कांग्रेस ने श्रीनगर में हरीश रावत ने कहा कि सरकार आने पर सरकारी नौकरियों में हर साल दस प्रतिशत बढाकर नौकरी देंगे। संविदा पर रोजगार देंगे व बिजली पानी एक निर्धारित सीमा पर निःशुल्क देंगे। आगामी चुनाव में जनता को कांग्रेस पार्टी पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत तथा नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत सरकार की नाकामियों के साथ साथ भारी बहुमत के बावजूद भाजपा सरकार द्वारा जनता के साथ कि गयी वादा खिलाफी को गांव- गांव और घर-घर जाकर उजागर करेगी।
इस अवसर पर विजय सिंह गुसांई, पूर्व जिला पंचायत सदस्य भरत सिंह चैहान, प्रदेश मंत्री जोध सिंह रावत सहित पार्टी कार्यकर्ता उपस्थित रहे।