सुखे की मार से कास्तकारों की फसलें बर्बाद, यमुना घाटी में भारी नुकसान।
अरविन्द थपलियाल
उत्तरकाशी : यमुना घाटी क्षेत्र में भंयकर सुखे से किसानों की फसलें बर्बाद हो गयी हैं। यमुना घाटी का क्षेत्र कृषि और बागवानी पर निर्भर है और पिछले दो तीन माह से बारीश नहीं आने से कास्तकार बर्बाद हो गये हैं। बतादें यमुना घाटी में सेब, चुलु, नासपति, पुलम, आडु, खुमानी, सहित तमाम फलों की सेटींग खराब हो गयी है। हम चाहे फल पट्टी सेवरी की बात करें चाहे फल पट्टी क्षेत्र धारी कफनौल की बात करें जहां फलों की सबसे अधिक पैदावार होती है अब कास्तकार परेशान हैं,दुसरी ओर गेहुं ,मसूर, टमाटर, आलु, की फसलों सहित धान की फसल भी सुख गयी है। यमुना घाटी के किसानों ने राजस्व विभाग से क्षेत्र को सुखा ग्रस्त क्षेत्र घोषित करने की मांग उठाई है। हांलाकि यमुना घाटी के सुखे की समस्या का मामला पुरोला विधायक दुर्गेश्वर लाल ने सदन में अपनी सरकार के सामने रखा और समुची विधानसभा को सुखा ग्रस्त क्षेत्र घोषित कर कास्तकारों को राहत देने का मसला उठाया जिसपर अब अग्रीम कार्यवाही भी हो रही है।