मसूरी – शिफन कोर्ट के बेघर 19 नवंबर से देंगे पालिका प्रांगण में अनिश्चित कालीन धरना।
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मसूरी : शिफन कोर्ट से बेघर किए गये मजदूरों को सवा साल बाद भी आवास न मिलने पर सरकार के विरोध में एक बैठक की गई व उसमें निर्णय लिया गया कि सभी मजदूर 19 नवंबर से पालिका प्रांगण में सपरिवार अनिश्चित कालीन धरने पर बैठेगें।
बैठक हमें बताया गया कि नगर पालिका परिषद ने कुछ वर्ष पूर्व उक्त बहु आवासीय भवनों को पुराना व जर्जर होने के नाम पर एक साजिश के तहत तोड़ दिया तथा फिर कभी नहीं बनाया गया। जिस कारण भवनों के पुनः बनने के उम्मीद में यहां निवास कर रहे गरीब लोगों ने वहीं पर झोपड़ी व मकान बनाकर सपरिवार रहने को मजबूर होना पड़ा। गत वर्ष 20 अगस्त 2020 तथा उससे पूर्व नगर प्रशासन, पालिका प्रशासन व मसूरी विधायक ने वादा किया था कि वे 15 दिन के भीतर हमें विधिवत उपयुक्त आवास उपलब्ध करा देंगे। नगर पालिका अध्यक्ष एवं मसूरी विधायक ने दर्जनों बार आवास उपलब्ध कराने के वादे किये जो कि पूरी तरह झूठे व छलावे साबित हुए। गरीबों के आशियानों से हटा देने के बाद आज सवा साल बाद भी शिफनकोर्ट के लोग, मॉ बहिनें, बच्चे व बुजुर्ग सड़कों, हवाघरों या भीख के रूप में लोगों के घरों या जानवरों के आवास में रात बिताने को मजबूर हैं। साधनों के अभाव में बालक बालिकाओं का भविष्य अंधकार में है तथा हमें मानवाधिकार विहीन बना दिया गया है। सम्बन्धित सरकारी संस्थाएं, आयोग व सरकार भी असंवेदनशील बनी हुई हैं, इनकी कोई सुनने वाला नहीं दिखायी दे रहा है। इस बीच परेशानियों से जूझते हुए कई मॉ बहिन व मजदूरों की मृत्यू भी हो चुकी है तथा कुछ बहुत बीमार हैं। अब सभी परिवार अपने प्राणों की परवाह किए बगैर धरना, अनशन, आमरण आन्दोलन को मजबूर हैं। तथा 19 नवम्बर 2021 से सब परिवार सहित नगर पालिका परिषद मसूरी के प्रांगण में अनिश्चितकालीन धरने, व अनशन पर बैठने को मजबूर हैं। लोकतांत्रिक तरीके से सभी तरह के आन्दोलन करेंगे व यह आन्दोलन तब तक जारी रहेगा जब तक नगर पालिका व सरकार अपने पुराने आवास स्थल शिफनकोर्ट में वापस नहीं बसा देती है या शहर के मध्य अन्यत्र 50-50 गज भूमि हमारे नाम आवंटित नहीं कर देती है। मालूम हो कि नगर पालिका परिषद द्वारा ट्राली लगाने के नाम पर झूठे तथ्य के आधार पर शिफनकोर्ट निवासी 84 गरीब दलित मजदूर परिवारों को 20 नवम्बर 2020 को शिफन कोर्ट स्थित स्थान से भारी पुलिस बल के माध्यम से जबरन पूरी तरह हटा दिया गया था। जिसमें नगर पालिका परिषद ने शासन प्रशासन व न्यायालय को पूरी तरह गुमराह किया गया। क्योंकि शिफनकोर्ट स्थान नगर पालिका परिषद द्वारा बहु आवासीय भवन बनाकर 80 साल पहले 1939 में दिया गया था।
बैठक में शिफनकोर्ट आवासहीन निर्बल मजदूर वर्ग एवं अनुसूचित जाति संघर्ष समिति, मसूरी के अध्यक्ष राजेंद्र सेमवाल, महासविच संजय टम्टा, संयोजक प्रदीप भंडारी सहित आशा लाल, असलम, विनोद लाल, जगदीश लाल, संजय कैंतुरा,प्रमोद, धुडडी लाल, शूरवीर लाल, संदीप कुमार, लखी लाल, राम चंद्र, मनवर सिंह, घुसू लाल, भाग्यलक्ष्मी आदि मौजूद रहे।