October 22, 2025

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शिफन कोर्ट के बेघरों ने धरना दिया वहीं मांग पूरी न होने पर हाईकोट जाने की चेतावनी।

मसूरी : आश्वासन के अनुरूप एक सप्ताह के अंदर शिफनकोर्ट के बेघरों के लिए आवास निर्माण की प्रक्रिया शूरू न होने पर समिति ने हाईकोर्ट में वाद दायर करने की चेतावनी दी है। प्रभावितों ने स्वयं को छले जाने का आरोप नगर पालिका, शासन प्रशासन और स्थानीय विधायक पर लगाया है। इससे पूर्व शिफनकोर्ट के बेघर लोगो ने शहीद स्थल पर धरना दिया और एसडीएम, पालिका अध्यक्ष और विधायक की वादा खिलाफी के विरुद्ध नारे बाजी की। बाद में एक प्रतिनिधि मंडल एसडीएम कार्यालय गया व नायब तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा।
सिफन कोर्ट के बेघरों ने वादा खिलाफी के खिलाफ एसडीएम कार्यालय प्रागण में धरना देने की घोषणा की थी लेकिन प्रशासन द्वारा कचहरी में धारा 144 का हवाला देकर भारी संख्या में पुलिस पीएसी लगा दी गई, जिस कारण धरना शहीद स्थल पर दिया गया। शहीद स्थल पर शिफनकोर्ट आवासहीन निर्बल मजदूर वर्ग एवं अनुसूचित जाति संघर्ष समिति, की एक सभा हुई, सभा को सम्बोधित करते हुए समिति अध्यक्ष संजय टम्टा ने कहा कि 23 मार्च को उपजिलाधिकारी नन्दन कुमार की अध्यक्षता में उनके कार्यालय में अधिशासी अधिकारी राजेश नैथाणी, विधायक गणेश जोशी के प्रतिनिधि मोहन पेटवाल, नगर भाजपा महामंत्री खुशाल सिंह राणा, शिफनकोर्ट आवासहीन निर्बल वर्ग समिति के अध्यक्ष संजय टम्टा और संयोजक प्रदीप भण्डारी समेत अनेक गणमान्य लोगों की बैठक हुई थी। और उपजिलाधिकारी द्वारा स्वयं धरने स्थल पर आकर 3 अप्रैल 2023 से आवास निर्माण शूरू हो जाने का लिखित आश्वासन देकर धरना समाप्त करवाया गया था। तथा अग्रेतर कार्यवाही हेतु 3 अप्रैल 2023 को स्वयं के कार्यालय में बैठक हेतु बुलाया गया। मगर जब तमाम शिफनकोर्ट के बेघर लोग 3 अप्रैल 2023 को सुबह 11 बजे उपजिलाधिकारी कार्यालय मसूरी पंहुचे तो एसडीएम नन्दन कुमार यह कहकर अपने ऑफिस से बाहर चले गए कि बैठक 3 बजे होगी। शिफनकोर्ट के बेघर तमाम पीड़ित मां बहिनें व मजदूर भाई काम काज छोड़कर शाम तक एसडीएम कार्यालय के बाहर इंतजार करते रहे। मगर एसडीएम न तो वापस अपने कार्यालय आए, नहीं कोई संदेश देने की जरूरत समझी और ना हीं अपना फोन उठाया। इससे साफ जाहिर है कि शिफन कोर्ट के बेघरों के साथ बुहत बड़ा छल किया गया जिसकी निन्दा करते हैं।                  

उत्तराखण्ड राज्य निर्माण आन्दोलनकारी एवं समिति के संयोजक प्रदीप भण्डारी ने कहा कि अब अति हो गई है यह पहाड़ के भोले भाले गरीब, दलित और निर्बल मजदूरों के साथ बहुत बड़ा धोखा, अन्नाय और उनका अपमान है जिसे अब बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। एक सप्ताह के भीतर शासन प्रशासन से आवास निर्माण कार्य की प्रकिया शूरू नहीं होती तो उच्च न्यायालय नैनीताल में नगर पालिका, शासन प्रशासन और तमाम जिम्मेदार पदाधिकारियों के खिलाफ आवास आवंटन करने समेत सभी तरह के हर्ज खर्चे का वाद दायर करेंगे। समिति के धरने में पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष मनमोहन मल्ल, समिति अध्यक्ष संजय टम्टा, समिति संयोजक प्रदीप भंडारी, दिनेश उनियाल, सम्पत्ति लाल, खेमानंद नौटियाल, कन्हैया लाल भट्ट, सुनीता देवी, सुमित्रा कंडारी, ममता भट्ट समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।