लखवाड़ बांध जल संग्रहण क्षेत्र उपचार योजना के तहत जैविक कृषि का प्रशिक्षण दिया।

मसूरी : लखवार बांध परियोजना जलग्रहण क्षेत्र उपचार परियोजना के तहत, मसूरी वन प्रभाग द्वारा दो दिवसीय जैविक कृषि पर क्षमता निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें केंपटी, देवलसरी, बिच्छू और भद्रीगाढ़ रेंज के गाँवों के 23 इच्छुक किसानों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम राज्य जैविक कृषि प्रशिक्षण केन्द्र, मजखाली, रानीखेत, अल्मोड़ा के तकनीकी सहयोग आयोजित किया गया।
क्षमता निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रम में कृषकों को व्यावहारिक दृष्टिकोण से जैविक कृषि से संबंधित विभिन्न गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। जैविक कृषि के बारे में सैद्धांतिक ज्ञान प्रदान करने के लिए उनके लिए कुछ सूचनात्मक व्याख्यानों की व्यवस्था की गई और उनकी खेती की तकनीकों के बारे में जागरूक किया गया। इस क्षेत्र में आगे के विपणन परिदृश्यों और लिंकेज पर वन विभाग, मसूरी द्वारा प्रदान किए गए व टिहरी जिले के किसानों के साथ चर्चा की गई है। परियोजना सभी 23 प्रशिक्षण कर्ताओं को अपना जैविक कृषि व्यवसाय शुरू करने में मदद करने के लिए कुछ वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। ताकि कुछ जैविक प्रमाणित गांवों का निर्माण कर सकें और उनके सामान को उच्च कीमत पर जैविक बाजार में बेचने में सक्षम हो सकें।
प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियोें को मृदा स्वास्थ्य में सुधार, जैविक तरीकों और समाधानों के माध्यम से कीट और कीड़ों का प्रबंधन, नैपेड विधि से गोबर खाद में सुधार, जैविक प्रमाणन प्रक्रिया, जैविक बोर्ड के माध्यम से अधिक कीमत पर बाजार उपलब्ध करवाने, आदि की जानकारी दी गई। कार्यक्रम के दौरान संबंधित संगठनों के प्रतिनिधि, मास्टर ट्रेनर, राजेश कुमार जलग्रहण क्षेत्र उपचार योजना कार्यक्रम समन्वयक पूरे सत्र के दौरान मौजूद रहे। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए मसूरी वन प्रभाग के डीएफओ आशुतोष सिंह सहित रेंज केम्पटी, भद्रीगाढ़ और देवलसारी रेंज के अधिकारियों का आभार व्यक्त किया गया। जिनके माध्यम से प्रशिक्षण कार्यक्रम को गांव के लोगों के लिए संभव बनाया।